Kartik Purnima 2021: नदी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़, गंगास्नान करने से होता है पुण्य
Kartik Purnima 2021ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। साथ ही गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है।
मुजफ्फरपुर, जासं। Kartik Purnima 2021: आज कार्तिक पूर्णिमा है। सभी प्रमुख नदी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई है। ठंड के बावजूद लोग स्नान कर रहे हैं। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी, सरोवर व गंगा स्नान करने मात्र से तीन जन्मों तक के पाप धुल जाते हैं। पं.प्रभात मिश्र बताते हैं कि प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि इसी दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। साथ ही गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है। बूढ़ी गंडक नदी पर सिकंदरपुर सीढ़ीघाट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। नदी में स्नान के बाद लोग ब्राह्मणों को दान देते हैं। बाबा गरीबनाथ मंदिर समेत शहर के विभिन्न शिवालयों में पूजा के लिए भक्त पहुंच रहे हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार की सुबह से ही सिकंदरपुर सीढ़ी घाट समेत बूढ़ी गंडक नदी के विभिन्न घाटों पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। सुबह 4 बजे के बाद से गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जत्था विभिन्न घाटों पर पहुंचने लगा। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पंडितों को दान देकर पुण्य कमाया। वहीं इसके बाद बाबा भोलेनाथ की पूजा के लिए बाबा गरीबनाथ मंदिर समेत अन्य शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान से तीन जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। वहीं कार्तिक पूर्णिमा के दिन बाबा भोलेनाथ की पूजा से समस्त कष्टों से छूट जाता है। पंडित प्रभात मिश्र बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी या सरोवर में गंगा स्नान करने मात्र से तीन जन्मों तक के पापों का नाश हो जाता है। प्रत्येक वर्ष 12 पूर्णिमाएं होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि आज के दिन ही भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से भी पूरे वर्ष स्नान करने का फाल मिलता है।
सिख सम्प्रदाय में कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रकाशोत्सव के रूप में मनाते हैं। क्योंकि इस दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गुरू नानक देव का जन्म हुआ था। इस दिन सिख सम्प्रदाय के अनुयायी सुबह स्नान कर गुरूद्वारों में जाकर गुरूवाणी सुनते हैं और नानक जी के बताये रास्ते पर चलने की सौगंध लेते हैं। इसे गुरु पर्व भी कहा जाता है।