मधुबनी के पिपराघाट त्रिवेणी संगम तट पर कार्तिक मेला का शुभारंभ 18 को
कार्तिक स्नान के संग अन्य पर्वों में भी यहां श्रद्धालुओं की कतार लगती है। पहली बार यहां एक माह के कल्पवास का आयोजन किया गया। इस मेले की धरोहर व व्यवस्था को अक्षुण्ण बनाए रखने को लेकर इलाकाई ग्रामीणों से आगे आने की अपील की गई।
बाबूबरही (मधुबनी), जासं। त्रिवेणी संगम तट में लगने वाले कार्तिक मेला को लेकर पिपराघाट हनुमान मंदिर परिसर में पूर्व मुखिया महंथ सुखलाल दास की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में सीओ विजया कुमारी, थानाध्यक्ष रामाशीष कामती उपस्थित थे। अध्यक्ष ने इस मेला की महत्ता सहित अन्य विशेषताओं को विस्तार पूर्वक बताया। कहा कि वर्ष 1952 से ही इस त्रिवेणी संगम तट पर मेला लगता रहा है। कालांतर में मंदिर निर्माण समिति के बैनर तले मेले की व्यवस्था में निरंतर सुधार होता आया है। साथ ही सावन माह के प्रत्येक सोमवारी को जल बोझने हजारों की संख्या में लोग उमडते हैं। प्रत्येक माह के पूर्णिमा तिथि को कमला आरती का आयोजन होता है।
कार्तिक स्नान के संग अन्य पर्वों में भी यहां श्रद्धालुओं की कतार लगती है। पहली बार यहां एक माह के कल्पवास का आयोजन किया गया है। इस मेले की धरोहर व व्यवस्था को अक्षुण्ण बनाए रखने को लेकर इलाकाई ग्रामीणों को आगे आना चाहिए। महत्ता को देखते इस स्थल को पर्यटक स्थल का दर्जा देने तथा मेला को राजकीय मेला घोषित किए जाने की मांग पर जोर दिया गया। मेला के सफलता पूर्वक संचालन के लिए एक समिति का गठन किया गया। इस समिति में 151 सदस्य होंगे। स्काउट एंड गाइड की सेवा लेने, पेयजल की समस्या, शौचालय की उपलब्धता, एसडीएफ टीम की मौजूदगी, पुलिस बल की व्यस्था, स्नान घाट पर अस्थायी महिला परिधान गृह का निर्माण, साफ-सफाई सहित अन्य मसलों पर विस्तार से विचार करते प्रशासन से अपेक्षित सहयोग की अपेक्षा की गई। आयोजन में जयकिशोर यादव, मिथिलेश यादव, रंधीर खन्ना, सूर्यदेव सिंह, सुनिल मंडल, प्रभू मंडल, गंगाराम मंडल, संजय सिंह, अरुण प्रसाद शास्त्री सहित सैकडों लोग उपस्थित थे। बताया गया कि मेले का उद्घाटन 18 नवंबर को होगा। पूर्णिमा 19 नवंबर को है और मेले का समापन 20 को होगा।
कमला आरती से आलोकित हो रहा त्रिवेण संगम तट
कमला, बलान एवं सोनी नदी के त्रिवेणी संगम तट पिपराघाट में पहली बार कल्पवास का आयोजन किया गया है। कल्पवास में पधारे विभिन्न इलाकों के संतों सहित इलाकाई ग्रामीणों द्वारा प्रतिदिन कमला आरती का अयोजन संध्या में प्रारंभ किया गया है। इस आरती के विहंगम दृश्य से तट आलोकित हो रहा है। कमला आरती के दोरान ऊंच-नीच, जात-पात, आपसी वैमनस्यता, अमीर-गरीब आदि की सभी प्रकार की खाई मिट रही है। श्रदालु निश्छल हृदय से कमला मैया के गोद में अपना सिर झुकाते श्रद्धा के साथ मन्नते मांगते हैं। मां के गोद को प्रदूषित नहीं करने का संकल्प लेते हैं। संयोजक वामनदासजी महाराज ने कहा कि मारूति नंदन खालसा के बैनर तले कल्पवास का अयोजन किया गया है। यहां मुफ्त लंगर की व्यवस्था है। कहा कि कमला आरती निरंतर कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहेगी।