कन्हैया का BJP पर वार, कहा- जो काम अंग्रेजों ने देश को कमजाेर करने के लिए किया, वही कर रही भाजपा...
समस्तीपुर में एनआरसी को लेकर एनपीआर एनआरसी सीएए विरोधी मंच द्वारा आयोजित सम्मेलन में कन्हैया शामिल हुए कन्हैया। बोले- संवैधानिक दायरे में ही संविधान बचाने की लड़ाई।
समस्तीपुर, जेएनएन। एनआरसी (नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर) National Register of Citizens के नाम पर भाजपा (BJP) देश को एक बार फिर से बांटना चाहती है। जो काम अंग्रेजों ने देश को कमजोर करने के लिए किया, वही काम अब अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भाजपा कर रही। यह भारतीय संविधान (Indian Constitution) के तहत संभव नहीं है। इसका हर मोर्चे पर हर व्यक्ति को विरोध करना चाहिए। हमें भी संवैधानिक दायरे में ही रहकर संविधान बचाने की लड़ाई लड़नी है। यह कहना है भाकपा नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) का। वे बुधवार को समस्तीपुर के जितवारपुर में एनआरसी को लेकर एनपीआर, एनआरसी, सीएए विरोधी मंच द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
हाउसिंग बोर्ड के मैदान में हुई जन-गण-मन यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि यहां धर्म रक्षा की हवा भी चुनाव के हिसाब से बहती है। पहले यह दिल्ली से शुरू हुआ, अब बिहार की ओर आ रहा। यहां के बाद धीरे-धीरे यह कोलकाता की ओर चली जाएगी। पर, यहां यह संभव नहीं है। यह राज्य समाजवादियों का है, साम्यवादियों का है आंदोलनकारियों का है।
दोहरी नीति अपना रही भाजपा
कन्हैया कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार मुंह में राम और बगल में नाथूराम लेकर घूमती है। भाजपा दोहरी राजनीति कर रही। युवाओं को दो करोड़ रोजगार की बात कही थी, उसे पूरा नहीं किया। 15 लाख देने की बात कही, उसे नहीं दिया। एनआरसी के नाम पर देश के नागरिकों को पहचान नहीं, बल्कि लोगों को परेशान करने की कोशिश है। आज गरीब, दलित, मजदूर और विस्थापित परिवारों के पास कोई पुराना सबूत नहीं है। देश को गुलाम बनाने के लिए जिस प्रकार अंग्रेजों ने देश में फूट डालो राज करो पर काम किया, उसी प्रकार भाजपा देश में बंटवारे की राजनीति कर रही।
नाना का घर है यहां
सभा में आए कन्हैया ने कहा कि चाहे जितने भी लाठी चलवा लो, चप्पल चलवा दो, मोबिल फेंकवा दो, हम डरने वाले नहीं हैं। यह भी जान लें कि यह धरती समाजवादियों की, साम्यावादियों की, क्रांतिकारियों की है। साथ में मेरे नाना की भी है। कहा कि दङ्क्षलहसराय में मेरा ननिहाल भी है।
सभा के अंत में युवाओं की मांग पर कन्हैया ने फिर से आजादी वाले नारे लगाए। करीब पांच मिनटों तक अपने अंदाज में कन्हैया ने सभी से आजादी वाले नारे को उछाला, जिसका युवाओं ने काफी समर्थन किया। इस दौरान सभी को पटना की रैली में भी आने का न्योता दिया।