मुजफ्फरपुर में बूथ का हिसाब लगा रही जदयू अनुशासन समिति
विधानसभा चुनाव के बाद जदयू में पार्टी विरोध काम करने वालों की पहचान तेजी से की जा रही है। जिला जदयू की ओर से गठित अनुशासन समिति विधानसभावार समीक्षा में जुट गई है।
मुजफ्फरपुर। विधानसभा चुनाव के बाद जदयू में पार्टी विरोध काम करने वालों की पहचान तेजी से की जा रही है। जिला जदयू की ओर से गठित अनुशासन समिति विधानसभावार समीक्षा में जुट गई है। विधानसभा प्रत्याशी व वहां के वरीय नेता के साथ बूथवार वोट का हिसाब लिया जा रहा है।
अनुशासन समिति के अध्यक्ष वरीय नेता शैलेश कुमार शैलू ने बताया कि जिलास्तर पर समीक्षा रिपोर्ट तैयार होगी। उसके बाद उसे मुख्यालय भेजा जाएगा। अबतक जहां पार्टी के प्रत्याशी रहे वहां बैठक हुई है।
उन्होंने कहा कि कांटी, मीनापुर, सकरा व गायघाट से रिपोर्ट ली है। प्रत्याशियों की ओर से जो फीडबैक दिया जा रहा उसकी वह खुद पड़ताल करते हैं। जिस नेता पर आरोप लग रहा उनका पक्ष जाना जाता है।
मीनापुर के एक पार्टी पदाधिकारी से जब चुनाव का फीडबैक लिया गया तो उन्होंने पहले आनाकानी की। लेकिन बाद में सारी जानकारी दी।
जिस पदाधिकारी का बूथ, उसपर ली जा रही जानकारी : शैलू ने बताया कि जो जितने बड़े पदधारक हैं उनकी जवाबदेही का मूल्यांकन किया जा रहा है। जिस बूथ के वोटर हैं उस बूथ पर उनका क्या परफारमेंस रहा, यह देखा जा रहा है। केवल पांच साल तक दल के नाम पर सम्मान पाने वाले पर भी नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि जब दल के नाम पर सम्मान ले रहे तो उनको वोट भी दिलाना चाहिए। लेकिन जब पार्टी की पूरी ताकत लगाने के बाद सीट नहीं निकली तो चिता का विषय है। जहां जदयू लड़ा वहां की समीक्षा हो गई। अब जहां जदयू के सहयोगी दल लड़े वहां की समीक्षा हो रही है।
जदयू जिलाध्यक्ष रंजीत सहनी ने कहा कि अनुशासन समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य मुख्यालय से आगे का मार्गदर्शन मांगा जाएगा। जानकारी के अनुसार चुनाव के बाद दल के भितरघातियों की पहचान के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम में पार्टी के वरीय नेता शैलेश कुमार शैलू को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ समिति के सदस्य हैं शंकर सिंह, चंद्र भूषण प्रसाद, रमेश पटेल, अमरनाथ चंद्रवंशी, सुधा चौधरी। समिति एक सप्ताह के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट आने के बाद जिला स्तर पर भी समीक्षा बैठक होगी।