West Champaran : पूर्व जिला पार्षद हत्याकांड में जमादार निलंबित,थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण, चार जवान लाइन हाजिर
West Champaran मृतक की पत्नी कुमुद वर्मा का बयान पुलिस ने दर्ज किया। कुमुद के द्वारा ही नौरंगिया थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिसमें वाल्मीकिनगर विधायक धीरेंद्र प्रताप उर्फ रिंकू सिंह मो. शकील तथा बबलू जायसवाल समेत अज्ञात को आरोपित किया गया है।
पश्चिम चंपारण (बगहा), जासं । पूर्व जिला पार्षद दयानंद वर्मा हत्याकांड में लापरवाही के आरोप में एक जमादार को निलंबित, नौरंगिया थानाध्यक्ष शाहिद अंसारी से स्पष्टीकरण और चार सैफ जवानों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। मृतक की पत्नी कुमुद वर्मा का बयान पुलिस ने दर्ज किया। कुमुद के द्वारा ही नौरंगिया थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिसमें वाल्मीकिनगर विधायक धीरेंद्र प्रताप उर्फ रिंकू सिंह, मो. शकील तथा बबलू जायसवाल समेत अज्ञात को आरोपित किया गया है। उसमें लिखा गया है कि घटना के समय नौरंगिया थाने की पुलिस भी मौजूद थी।जांच में पता चला कि घटना के दिन जमादार अनिल कुमार सिंह चार जवानों के साथ घटनास्थल सेकुछ दूरी पर मौजूद थे।
एसपी ने लापरवाही मानते हुए जमादार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दें कि बगहा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद बेतिया स्थित दयानंद वर्मा के आवास पहुंचे तथा उनकी पत्नी का बयान दर्ज किया। संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई। पुलिस को दिए गए बयान में कुमुद ने आरोप लगाया कि पजेरो गाड़ी नंबर 0045 सहित चार अन्य वाहन सिरिसिया चौक पर उतरे। जब तक वह कुछ समझ पाती एक गाड़ी में बैठे विधायक रिंकू सिंह ने दयानंद की ओर इशारा किया गया। जिसके बाद शकील समेत अन्य आरोपित दौड़ कर मौके पर पहुंचे तथा दयानंद वर्मा की कनपट्टी पर रिवाल्वर सटा कर गोली मार दी। हालांकि जांच में जुटी पुलिस टीम के समक्ष अबतक इसकी तस्दीक नहीं हो सकी है कि घटनास्थल पर विधायक मौजूद थे।
एसआइटी टीम का विस्तार
दया वर्मा हत्या मामले को सुलझाने के लिए एसपी किरण कुमार गोरख जाधव के द्वारा गठित एसआइटी का विस्तार करते हुए टीम में तीन पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। जिसमें मेजर जितेन्द्र प्रसाद भी शामिल हैं। इसके पहले गठित टीम में बगहा एसडीपीओ के अलावा छह पुलिस पदाधिकारी शामिल पहले से शामिल थे। अब पदाधिकारियों की संख्या नौ हो गई है। ग्रामीणों के द्वारा हत्या के बाद बबलू जायसवाल को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया था। इलाज के बाद नौरंगिया थाने की पुलिस ने उसे पूछताछ के बाद जेल भेज दिया। उससे हुई पूछताछ के बाद पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है कि घटना में कितने लोग शामिल थे। जिसके बाद से एसपी ने टीम में और पुलिस पदाधिकारियों को शामिल किया है।