Muzaffarpur Flood News : राहत सूची तैयार करने में अनियमितता, नाम नहीं बाढ़ पीडि़तों में आक्रोश
Muzaffarpur Flood News सात दिनों में 19 बार बाढ़ पीडि़तों ने किया है सड़क जाम और प्रदर्शन। एक लाख 74 हजार 623 पीडि़त परिवारों को नहीं मिली राशि।
मुजफ्फरपुर, [ नीरज]। बाढ़ राहत सूची में नाम नहीं होने से पीडि़तों का गुस्सा लगातार फूट रहा है। मनमानी का आरोप लगाते हुए पीडि़त सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल यह है कि पिछले एक सप्ताह में जिले के अलग-अलग स्थानों पर कुल 19 बार सड़क जाम हो चुका है।
14 लाख दो हजार 479 की आबादी बाढ़ की चपेट में
जिले के 14 प्रखंडों के तीन लाख 64 हजार 659 परिवारों की 14 लाख दो हजार 479 की आबादी बाढ़ की चपेट में है। अभी सिर्फ एक लाख 90 हजार 36 परिवारों के बैंक खाते में 114 करोड़ दो लाख रुपये भेजे गए हैं। शेष एक लाख 74 हजार 623 परिवारों को राशि नहीं मिली है। इस बीच बाढ़ पीडि़त सूची में नाम नहीं होने और
मनमानी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। एनएच 57, एनएच 77, अखाड़ाघाट, झपहां और अहियापुर में बीते एक सप्ताह में सड़क पर प्रदर्शन का सिलसिला जारी है।
कई इलाकों में राहत सामग्री नहीं पहुंची
दूसरी ओर अबतक कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों तक राहत सामग्री नहीं पहुंची है। इससे भी पीडि़तों में आक्रोश है। झपहां में हाईवे के किनारे रह रहे बाढ़ पीडि़त राम जनम पासवान, उमेश सहनी, दिनकर कुमार, गीता देवी व जानकी देवी ने बताया कि उनका नाम सूची में नहीं है। इसे बनाने में मनमानी की गई है।
इस तरह बनाई जा रही सूची
बाढ़ राहत सूची का निर्माण वार्ड स्तर पर गठित समिति कर रही। मुखिया की अनुशंसा के बाद सूची बीडीओ जिला प्रशासन को भेजते हैं। लोगों का आरोप है कि पिछले साल और पुरानी बाढ़ राहत सूची के आधार पर राहत का वितरण किया जा रहा है। कुछ लोगों का आरोप है कि मुखिया ने जान-बूझकर सूची से बाहर कर दिया।
जाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जाम करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है। डीएम कहा है कि कुछ असामाजिक तत्व निहित स्वार्थ के लिए लोगों को उकसाकर सड़क जाम करा रहे हैं। उन्होंने सभी एसडीओ व एसडीपीओ को ऐसे तत्वों को चिह्नित कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि एक भी बाढ़ पीडि़त राहत से वंचित नहीं रहेंगे। 10 अगस्त तक राहत मद में छह-छह हजार रुपये सभी पीडि़तों के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।