Strictness : लॉकडाउन का बहाना बना आरोप पत्र दाखिल नहीं करने वाले आइओ पर होगी कार्रवाई, जानें आदेश के बारे में
न्यायिक हिरासत में जेल में बंद लगभग 150 आरोपितों के विरुद्ध अप्रैल में दाखिल नहीं हुआ आरोप पत्र तो मिल सकती जमानत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आरोपितों के विरुद्ध जांच पूरी कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने में लॉकडाउन का बहाना नहीं चलेगा। किसी भी हालत में निर्धारित समय सीमा के अंदर यह आरोप पत्र दाखिल कर देना है। इसका उद्देश्य लॉकडाउन के कारण आरोप पत्र दाखिल नहीं होने पर आरोपितों को जमानत लेने से रोकना है।
एसएसपी को ऐसी सूचना मिली है कि कई आइओ कोरोना को लेकर चौक-चौराहों पर लगी ड्यूटी का हवाला देकर मामले की जांच में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इसमें कई मामले ऐसे हैं जिसमें 14 अप्रैल से पहले आरोप पत्र दाखिल करने की निर्धारित अवधि पूरी होने वाली है। इसे देखते हुए एसएसपी जयंतकांत ने निर्धारित अवधि के अंदर जांच पूरी कर आरोपितों के विरुद्ध कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश सभी थानाध्यक्षों को दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर लॉकडाउन के कारण कोई आरोप पत्र दाखिल नहीं हुआ तो संबंधित आइओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यह है स्थिति
जनवरी- फरवरी में जिले में गंभीर आपराधिक मामले में 150 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। इसमें कुछ मामले में 90 दिनों व कुछ मामले में 60 दिनों के अंदर आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया जाना है। अगर इस अवधि के पूरे होने के बाद भी आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जाता है तो आरोपितों को सीआरपीसी की धारा- 167 (2)का लाभ देते हुए संबंधित कोर्ट जमानत दे देती है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने सभी थानाध्यक्षों के साथ इस मुद्दे को लेकर बैठक की थी। उन्होंने सभी मामले में समय से कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया था। पिछले दिनों जिला अभियोजन पदाधिकारी ज्ञानचंद्र भारद्वाज ने एसएसपी को एक पत्र भेजा था। इसमें उन्होंने निर्धारित अवधि से पहले आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने के कारण लगभग एक दर्जन से अधिक आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिलने की बात कही थी।