World Milk Day 2021: पश्चिम चंपारण में देसी गायों को मिलेगा संरक्षण, बढ़ेगा दूध का उत्पादन
पश्चिम चंपारण में माधोपुर कृषि विज्ञान केंद्र में 6.5 करोड़ की लागत से संरचना तैयार। गुजरात हरियाणा और उत्तराखंड से गायों को लाने की तैयारी। पशु विज्ञानी और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. एसके गंगवार के अनुसार केंद्र में उक्त नस्लों की 100 गायों को रखा जाएगा।
बेतिया (पचं) [शशि कुमार मिश्र]। जिले में देसी गायों को संरक्षण देकर दूध उत्पादन बढ़ाने की तैयारी है। यहां गिर, साहिवाल और रेड सिंधी प्रजाति की गायों से कृत्रिम रूप से प्रजनन कराकर देसी नस्लों को संवर्द्धित भी किया जाएगा। पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी स्थित उत्कृष्ट गोजातीय प्रजनन केंद्र से सीमेन की व्यवस्था की जाएगी। केंद्रीय गोसंवर्द्धन कार्यक्रम के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर में 6.5 करोड़ की लागत से पूरा ढांचा तैयार हो गया है। प्रशासनिक भवन और गायों के लिए शेड आदि बन चुके हैं। अगले छह माह में काम शुरू हो जाएगा।
स्थिति सामान्य होते ही लाई जाएंगी गायें
पशु विज्ञानी और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. एसके गंगवार के अनुसार केंद्र में उक्त नस्लों की 100 गायों को रखा जाएगा। इनसे प्रतिदिन तीन हजार लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गुजरात, हरियाणा और उत्तराखंड से गायों को लाने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य होते ही गायों को लाया जाएगा।
जिले में अभी प्रतिदिन 13 हजार लीटर दूध का उत्पादन हो रहा है। गोसंवर्द्धन का काम शुरू होने के बाद उत्पादन बढ़ेगा। विज्ञानी के अनुसार नस्लों में सुधार के बाद प्रति गाय 30 लीटर तक दूध देगी।
माधोपुर में गोसंवर्द्धन केंद्र स्थापित होने से पशुपालकों में हर्ष है। रूलही के पशुपालक परशुराम सिंह बताते हैं कि देसी नस्ल की गायों से प्रतिदिन 30 से 40 लीटर दूध का उत्पादन काफी फायदेमंद होगा। इससे डेयरी संचालकों को लाभ होगा। देसी गाय का दूध होने से बाजार भाव भी अधिक मिलेगा। फिलहाल यह 50 रुपये प्रति लीटर है।