दरभंगा के कुशेश्वरस्थान में यूरिया के लिए किसानों के बीच हाहाकार, गेहूं की फसल प्रभावित
Darbhanga News गेहूं व मक्के के खेत में किया जा रहा पटवन यूरिया का छिड़काव जरूरी प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने कहा- आपूर्ति के लिए जिले को भेजी सूचना समय पर खाद नहीं मिलने से किसानों के सामने बड़ी समस्या।
दरभंगा,(कुशेश्वरस्थान), जासं। कुशेश्वरस्थान दोनों प्रखंडों में यूरिया के लिए किसानों के बीच हाहाकार मचा है। मुख्य बाजार कुशेश्वरस्थान, सोहरबा घाट एवं बेर चौक आदि जगहों पर स्थित खाद बीज की दुकान से यूरिया गायब है। गेहूं की फसल को पटवन के इस मौसम में यूरिया के नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। मालूम हो कि अक्टूबर में आई बाढ़ के कारण रबी की खेती पिछड़ी हुई है। गेहूं एवं मकई के फसल लगाने के समय डीएपी एवं अन्य मिक्सचर खाद की काफी किल्लत थी। उस समय किसानों ने किसी तरह डीएपी एवं मिक्सचर खाद की किल्लत से जूझते हुए गेहूं एवं मकई की खेती तो कर ली, लेकिन अब इन फसलों के पटवन का समय आ गया है। पटवन के समय खेतों में यूरिया का छिड़काव आवश्यक है।
गेहूं एवं मकई की फसल में पटवन का काम तेजी से हो रहा है, लेकिन यूरिया नहीं मिल रही। अगर किसी खाद विक्रेता के यहां यूरिया मिल भी रही तो 266 रुपये की जगह 450 से 500 में। इससे किसान परेशान हैं। बडग़ांव के किसान अखिलेन्द्र कुमार सिंह, दीपक कुमार ङ्क्षसह, राजेन्द्र राय, संतोष कुमार राय, बुचौली के गोबिन्द कुमार,गोपालपुर के मकसूदन यादव, पिरोड़ी के गंगा राम राय, शाहपुर के मोहन प्रसाद निराला सहित कई किसानों ने बताया कि गेहूं एवं मकई की फसल को समय पर पटवन कर दिया है, लेकिन यूरिया का छिड़काव नहीं किए जाने से फसल पीली हो रही।
किसानों ने बताया कि धान की फसल तो बाढ़ की भेंट चढ़ गई। किसी तरह कर्ज लेकर रबी की खेती की। पिछात खेती होने के बाबजूद फसल अ'छी है, लेकिन ऐन मौके पर यूरिया के नहीं मिलने से सभी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। वहीं प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी कमल किशोर चौधरी ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में प्रखंड को यूरिया उपलब्ध कराने के लिए जिला कृषि पदाधिकारी को लिखा गया है।