West Champaran : रामनगर के बाजार में बुखार के दवाओं की बढ़ी मांग, आपूर्ति कम, बढ़ी परेशानी
पहले जो लोग दो से तीन दिनों की दवा लेकर काम चला लेते थे। वे अब दस दिनों की दवा मांग रहे हैं। जिसके कारण इसकी मांग बढ़ी है। इसका कारण कोरोना का डर भी है। आगे अभी और समस्या खड़ी होने की संभावना।
पश्चिम चंपारण, जासं। बीते कुछ दिनों से बुखार पीडि़तों की संख्या नगर व प्रखंड में अधिक बढ़ गई है। जिसके कारण इससे जुड़े दवाओं की मांग में भी इजाफा हुआ है। पहले जो लोग दो से तीन दिनों की दवा लेकर काम चला लेते थे। वे अब दस दिनों की दवा मांग रहे हैं। जिसके कारण इसकी मांग बढ़ी है। इसका कारण कोरोना का डर भी है। जिसके वजह से लोग अब पैरासिटामॉल के साथ विटामिन सी, ङ्क्षजक, कैल्शियम, एजीथ्रोमाइसीन के साथ मल्टीविटामिन की गोलियां भी खरीद रहे हैं।
यही दवा कोरोना के मरीजों को भी दी जाती है। इसलिए इनकी मांग काफी बढ़ी है। जिससे ये दवाएं बाजार में अब कम पडऩे लगी हैं। यही हाल रहा तो, आने वाले समय में इसकी कमी बाजार में होगी। जबकि दूसरा कारण यह है कि मांग के अनुरूप इसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
दवा व्यवसायियों का कहना है कि अधिकतर कंपनियां महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली व दूसरे राज्यों में है। जहां से स्टॉकिस्ट माल मंगाता है। कुछ फैक्ट्रियों में कोरोना, लॉकडाउन व अन्य कारणों से उत्पादन प्रभावित हुआ है। जिससे मांग के अनुरूप ये दवाएं कम मिल रही हैं। हालांकि अभी तक इनके दामों में वृद्धि की बात सामने नहीं आई है। पर, अगर समस्या इसी तरह रही तो, इसके कालाबाजारी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिसका खामियाजा खरीदारों को अधिक भुगतना पड़ेगा।
कहते हैं दवा दुकानदार
अभी एक सप्ताह तक इन दवाओं की किल्लत नहीं है। पर, आने वाले समय में अगर ऊपर से दवा नहीं आती है तो, इसकी समस्या खड़ी हो सकती है। वैसे इसके दाम में किसी तरह की वृद्धि नहीं हुई है।
अनूप कुमार, बोस मेडिकल
- कुछ दिनों से इन दवाओं की बिक्री अधिक हो रही है। इसका मतलब है कि बुखार वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ङ्क्षजक, विटामिन सी, पैरासिटामॉल दवाओं की मांग बराबर की जा रही है। पर, जितने का अर्डर हम ऊपर लगाते हैं। उससे आधा या एक चौथाई हीं माल मिल रहा है।- आनंद रेमी, आनंद मेडिकल
- अभी बाजार में दवाओं की कमी नहीं है। पर, इधर इनके मांग में बढ़ोतरी हो रही है। जिसके कारण आने वाले समय में अगर समय से दवा नहीं मिलती है तो, समस्याएं खड़ी होंगी। -पप्पू श्रीवास्तव, पॉपुलर मेडिकल स्टोर
नहीं है नगर में ऑक्सीजन रिफिलिंंग सेंटर
कोरोना के इस दूसरे चरण में ऑक्सीजन का काफी महत्व है। लाइफ स्पोर्ट के लिए इसकी आवश्यकता कई लोगों को पड़ रही है। इधर कुछ दिनों से इसकी किल्लत देखने सुनने में आ रही है। कितने मरीज ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर किसी मरीज के साथ ऐसी घटना नहीं हुई है। नगर में ऑक्सीजन के रिफिल की व्यवस्था नहीं है। कुछ दुकानों में व्यवसायिक कार्य के लिए इसे बेचा जाता है। पर, वहां भी इसकी उपलब्धता नहीं है। शनिवार को इसकी पड़ताल में कोविड रोस्टर के अनुसार इन दुकानों को बंद रखा गया था। इसके बारे में पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्र भूषण ने बताया कि पीएचसी में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। अनुमंडलीय अस्पताल बगहा, नरकटियागंज व बेतिया में आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। जहां गंभीर मरीजों को भेज दिया जाता है। फिलहाल स्थानीय स्तर पर इस तरह के मरीज भी सामने नहीं आए हैं। जिनको ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी हो। वैसे दूसरे तरह के गंभीर रोगियों के लिए पीएचसी में ऑक्सीजन का सिलेंडर मौजूद है।
पीएचसी में एक एंबुलेंस, निजी व कामर्शियल वाहन वाले वसूलते हैं मनमाना पैसा
एंबुलेंस की बात करें तो, पीएचसी में मात्र एक हीं एंबुलेंस है। जिसका उपयोग कोरोना मरीजों के लिए नहीं किया जाता है। प्रसव या अन्य गंभीर रोगियों के लिए इसकी व्यवस्था है। पीएचसी के सूत्रों की माने तो, कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए नरकटियांगज से वाहन आता है। जिस पर उन्हें भेज दिया जाता है। वैसे अन्य मरीजों को समय से बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए भाड़े के वाहन ही काम आते हैं। वे मनमाना राशि हीं वसूल करें। पीएचसी के एक एंबुलेंस की व्यस्तता भी अधिक रहती है। जिसके कारण यह समय से उपलब्ध हो पाएगा कहना मुश्किल है। कोरोना मरीजों से इस तरह की राशि वसूलने की सूचना तो, नहीं मिली है। पर, अन्य मरीजों के साथ कई बार ऐसी घटना हो चुकी है। सुलेमान अंसारी पुरानी बाजार निवासी है। उनके बहू को प्रसव पीड़ा के दौरान एंबुलेंस नहीं मिली तो, भाड़े की गाड़ी से बेतिया ले जाना पड़ा था। इसमें काफी खर्चा आया था। हालांकि यह कुछ दिन पहले की बात है।