Coronavirus Muzaffarpur Update: कोराना का कहर, ऑक्सीजन की मांग में इजाफा, निजी अस्पतालों ने लगा रखा अपना प्लांट
जिस अस्पताल में पहले खपत थी 20-25 अब वहां पर हो रही दोगुनी। परेशानी से बचने को निजी अस्पताल ने लगा रखे अपने प्लांट। 47.5 लीटर का 300 व 10.2 लीटर का ऑक्सीजन सिलेंडर 130 रुपये का।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कोरोना के कहर के बीच मास्क, सैनिटाइजर के साथ ऑक्सीजन की बिक्री अचानक बढ़ गई है। इससे कई निजी अस्पतालों ने अपना खुद का प्लांट लगा लिया है। वहीं दूसरी ओर से घर-घर सिलेंडर पहुंचाने का कारोबार भी बढ़ा है। सदर अस्पताल के लेखापाल विपिन पाठक ने बताया कि जिला स्वास्थ्य समिति की निगरानी में दो कोविड केयर सेंटर चल रहे हैं। वहां पर दो सौ बेड हैं। इसलिए वहां दो सौ ऑक्सीजन के सिलेंडर रिजर्व रहते हैं। जनवरी से पहले इतनी जरूरत नहीं थी। अभी पांच से दस सिलेंडर की रोज खपत है। प्रसाद हॉस्पिटल के प्रबंधक अमर कुमार ने बताया कि उनके यहां जनवरी से पहले 20 से 25 सिलेंडर की खपत थी। इधर जबसे उनके यहां कोरोना का इलाज शुरू हुआ है अपना खुद का प्लांट लगाया है। अस्पताल के बायोमेडिकल इंजीनियर आदित्य विक्रम ने बताया कि पहले से ज्यादा मांग है। अब लोग घर पर भी सिलेंडर मंगाकर रख रहे हैं।
इस तरह बढ़ी मांग
जिले में ऑक्सीजन सिलेंडर के थोक विक्रेता शिव शक्ति गैसेज के प्रोपराइटर चंद्रमोहन प्रसाद ने बताया कि जनवरी से पहले जिले में 1500 से 2000 सिलेंडर प्रतिदिन खपत थी। जनवरी के बाद जैसे-जैसे कोरोना का असर बढ़ा मार्च से इसकी मांग काफी बढ़ गई। अभी पांच-सात हजार सिलेंडर प्रतिदिन खपत है। उन्होंने बताया कि दो तरह के सिलेंडर बाजार में बिक रहे हैं। बड़ा 47.5 व छोटा 10.2 लीटर का है। बड़ा वाला 300 तो छोटा 130 रुपये का है। इधर उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन गैस की मांग अचानक बढ़ी है।
अभी प्रतिदिन 1000 से 1500 तक सिलेंडर वहां भी भेजे जा रहे हैं। उनकी मानें तो मुजफ्फरपुर के साथ पटना से ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति कर रहे हैं। बेला औद्योगिक क्षेत्र में एसबीजी एयर प्रोडक्ट के संचालक मिथुन चटर्जी ने कहा कि उनके प्लांट में 400 से 500 उत्पादन होता था। जनवरी के बाद 700 से 800 उत्पादन हो रहा है। वह अपनी फैक्ट्री से छोटा सिलेंडर 60-70 व बड़ा 200-250 के बीच दे रहे हैं। कहा कि दाम नहीं बढ़े हैं। घरों में आपूर्ति करने वाले सोनू ङ्क्षप्रट्रस के संचालक सोनू कुमार ने बताया कि घर पर भी लोग बुलाकर ऑक्सीजन सिलेंडर ले रहे हैं। उसके लिए अलग से ट्रॉली बनाकर देनी पड़ती है।
नियमित चल रही जांच अभियान
ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि ने बताया कि किसी भी निजी या सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। वह खुद प्रतिदिन निरीक्षण कर रहे हैं। कई निजी अस्पताल ने अपना खुद का प्लांट लगाया है। वे अपने अस्पताल में खपत भर ऑक्सीजन तैयार कर रहे हैं। बेला औद्योगिक क्षेत्र में ऑक्सीजन की फैक्ट्री है। कोरोना की दवा व उससे संबंधित जो भी व्यवस्था चाहिए उसकी कड़ी निगरानी हो रही है।
इस बारे में सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने कहा कि बाजार में ऑक्सीजन सिंलेडर की आपूर्ति में कोई कमी नहीं है। ड्रग इंस्पेक्टर उस पर निगरानी रखे हुए हैं। उनके पास अबतक कोई शिकायत नहीं आई है। बाजार में जो निर्माता व विक्रेता हैं उनपर नजर रखी जा रही है।