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सांस्कृतिक चेतना के महानायक थे कवि कोकिल विद्यापति, तीन दिवसीय महोत्सव का हुआ शुभारंभ

विस अध्यक्ष ने किया विद्यापति राजकीय महोत्सव का शुभारंभ। कहा -विद्यापति की रचनाएं आज भी प्रासंगिक।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 10:50 PM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 10:50 PM (IST)
सांस्कृतिक चेतना के महानायक थे कवि कोकिल विद्यापति, तीन दिवसीय महोत्सव का हुआ शुभारंभ
सांस्कृतिक चेतना के महानायक थे कवि कोकिल विद्यापति, तीन दिवसीय महोत्सव का हुआ शुभारंभ

समस्तीपुर जेएनएन। बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि भक्ति भाव के अधिष्ठाता व भक्ति परंपरा के आधार स्तंभ कवि कोकिल विद्यापति की रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उनके भक्ति गीत आज भी लोककंठ में जीवंत हैं। भक्तिभाव की पराकाष्ठा से समाहित रचनाओं के जरिए महाकवि ने धार्मिक व सांस्कृतिक चेतना की अलख जगाकर विश्व में मिथिलांचल का मान बढ़ाया।  

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 वे रविवार को विद्यापतिधाम उगना महादेव मंदिर के पाश्र्व स्थित रेलवे मैदान में आयोजित तीन दिवसीय विद्यापति राजकीय महोत्सव का उद्घाटन कर रहे थे। कहा कि संसार में ऐसा कोई भी भक्त नहीं होगा, जिसके पास स्वयं भगवान शिव ने चाकरी की हो। विद्यापति ने अपने भक्तिभाव से भगवान तक को दास बना लिया। इसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। उन्होंने जल-जीवन-हरियाली की अवधारणा की सफलता के लिए लोगों का  आह्वïान किया।

 

साथ ही महोत्सव में विद्यापति परिषद के सदस्यों की सहभागिता और प्रयासों भूरि-भूरि प्रशंसा की। कहा  कि विश्व पटल पर विद्यापति का स्थान कोई नहीं ले सकता है। आनेवाले समय में यह इलाका विकास के मामले में एक नया आयाम स्थापित करेगा।  भक्त व भगवान की नगरी से संबंधित किवदंतियों, विशेषताओं व विद्यापति की रचनाओं को आत्मसात करने की आवश्यकता है। विद्यापति की इस महाप्रयाण धरती पर स्वयं भोलेनाथ ने प्रगट होकर धन्य- धन्य कर दिया।


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