दरभंगा के किस स्कूल में गणतंत्र दिवस पर बिना सफ़ाई किया गया ध्वजारोहण
गंदे स्थल पर ही तिरंगा फहरा दिया गया। यह सब देख ग्रामीण भड़क गए। सिमरा गांव के लोगों ने देखते ही देखते स्कूल का घेराव कर लिया। पुलिस वालों ने भी तिरंगे के अपमान पर आक्रोश व्यक्त किया। शिक्षकों की भर्त्सना करते हुए पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया।
दरभंगा, जासं।जिले के बहादुरपुर प्रखंड की सिमरा-नेहालपुर पंचायत में सिमरा स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में भारत के 73वें गणतंत्र दिवस की मर्यादा को तार-तार कर दिया गया। ऐसा किया स्कूल के शिक्षकों ने ही। जहां तिरंगा फहराया गया, वहां न कोई साफ-सफाई की गई और न ही फूल-मालाओं की व्यवस्था। पान के पीक से गंदे स्थल पर ही तिरंगा फहरा दिया गया। यह सब देख ग्रामीण भड़क गए। सिमरा गांव के लोगों ने देखते ही देखते स्कूल का घेराव कर लिया। मब्बी ओपी से पुलिस बुला ली गई। सिमरा में ही पंचायत भवन में भव्य तरीके से गणतंत्र दिवस मना रहे पंचायत के मुखिया, सरपंच और सभी वार्ड सदस्य भी सूचना पर तत्काल पहुंच गए। मुखिया दिनेश पासवान ने राष्ट्रीय पर्व की मर्यादा के उल्लंघन को गंभीरता से लेते हुए इसे उच्च स्तर तक ले जाने की बात कही है। पुलिस वालों ने भी तिरंगे के अपमान पर आक्रोश व्यक्त किया। स्कूल के शिक्षकों की भर्त्सना करते हुए पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझा कर स्थिति को संभाल लिया।
यूजीसी एचआरडीसी में रिफ्रेशर कोर्स का समापन
मुजफ्फरपुर : यूजीसी-एचआरडीसी के तत्वावधान में चल रहे वनस्पति विज्ञान में आनलाइन रिफ्रेशर पाठ्यक्रम का समापन हो गया। 14 दिनों के इस पाठ्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से प्रतिभागी एवं विभिन्न संसाधन पुरुषों ने हिस्सा लिया। समापन सत्र में स्वागत भाषण वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो. खतीबुल्लाह हमीदी ने किया। कहा कि इस पाठ्यक्रम से सभी प्रतिभागियों को अवश्य ही नई उर्जा मिली होगी। मुख्य अतिथि रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो.सैयद मुमताजुद्दीन ने पाठ्यक्रम सम्पन्न होने पर प्रतिभागियों को बधाई दी। अध्यक्षीय भाषण में संस्थान के निदेशक सह विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रो.मनेंद्र कुमार ने कहा कि अच्छे शिक्षक में अपने शिक्षण के प्रति रूचि और निष्ठा, विषय का पूर्ण ज्ञान, मनोविज्ञान का ज्ञान, ज्ञान पिपासा, पाठ्य सहगामी क्रियाओं में रुचि, समय की पाबंदी, छात्रों के प्रति प्रेम एवं सहानुभूति, सृजनशीलता आदि का होना आवश्यक है। पाठ्यक्रम की समन्वयक डा. रंजना कुमारी ने पूरे पाठ्यक्रम के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों एवं विभिन्न संसाधन पुरुषों द्वारा दिए गए व्याख्यान को संक्षिप्त में बताया। मौके पर डा. लाडली रानी व डा.प्रियका चटर्जी ने भी अपने अनुभव को साझा किया। डा.आदित्य आभा ङ्क्षसह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मौके पर सहायक सुबोध कुमार समेत अन्य मौजूद थे।