पश्चिम चंपारण मेें मरीज की मौत से आक्रोशित स्वजनों ने महिला चिकित्सक पर जूते-चप्पल फेंके, गार्ड को पीटा
पश्चिम चंपारण के अनुमंडल अस्पताल में स्वजनों ने लगाया समय से इलाज न करने का आरोप चिकित्सक ने कहा- मरीज को एडमिट कर इलाज की प्रक्रिया शुरू की जा रही थी तभी हो गई मौत घटना की सूचना पर शिकारपुर पुलिस के साथ पहुंचे डीसीएलआर
पश्चिम चंपारण, जासं। जिले के नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल के कोविड सेंटर में बुधवार की रात गंभीर अवस्था में पहुंचे एक मरीज की मौत के बाद स्वजनों ने जमकर बवाल किया। वहां तैनात महिला चिकित्सक को भद्दी भद्दी गालियां दी और उनपर जूते चप्पल फेंके। वहीं आक्रोशित लोगों ने गार्ड को भी पीटा। सूचना पर पहुंचे डीसीएलआर अजय कुमार सिंह, सीओ राहुल कुमार और प्रशिक्षु डीएसपी संदीप गोल्डी स्थिति से अवगत हुए। घटना के बाबत नगर के हरदिया निवासी महिला वीणा देवी का कहना है कि उसके पिता हरिद्वार साह की हालत खराब थी।
हार्ट के रोगी होने और बिगड़ी स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल लाया गया। जिन्हें कोविड सेंटर के ऊपरी मंजिल पर भर्ती कर दिया गया और काफी देर तक कोई चिकित्सक नहीं पहुंचे। उन्हें ऑक्सीजन नहीं लगाया गया। कहने पर भी ऑक्सीजन की अनुपलब्धता बताई गई। जिसके बाद उसके पिता की मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों ने 10 - 15 लोगों को बुला लिया और चिकित्सक का नाम पूछते हुए गार्ड प्रदीप गिरी की पिटाई करने लगे। इसके बाद आइसोलेशन सेंटर में घुसकर महिला चिकित्सक पर भी चप्पल जूते चलाए। भद्दी भद्दी गालियां दी। वहां अफरातफरी का माहौल बन गया। स्थिति की गंभीरता की सूचना पर अधिकारी पहुंचे और मामले में आवश्यक जांच पड़ताल की।
उधर चिकित्सक डॉ कुमारी अमृता का कहना है कि गंभीर अवस्था में मरीज को लाया गया था। उसे पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किए जाने वाले निचले मंजिल से अलग उपरी मंजिल पर एडमिट करा दिया गया। पर्ची तैयार कर प्रक्रिया की जा रही थी, जिसमें दस से पंद्रह मिनट लगा और इसी बीच उस मरीज की मौत हो गई। इसके बाद उनके स्वजन और समर्थकों ने मुझे गालियां दी। मुझ पर जूते-चप्पल फेंके। गार्ड और स्टाफ के साथ गाली गलौज और मारपीट की गई। बता दें कि एक ही बिल्डिंग को नीचे करोना पॉजिटिव मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जबकि उसके ऊपरी मंजिल पर सांस की समस्या समेत गंभीर अवस्था में पहुंचने वाले मरीजों के लिए वार्ड बनाया गया है।
प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया गंभीर अवस्था में पहुंचे मरीज को एडमिट कर पर्ची बनाते हुए डॉक्टर इलाज की प्रक्रिया शुरू करने वाली थीं। लेकिन इसी बीच उसकी मौत हो गई। इसके बाद मरीज के परिजन और उनके समर्थकों ने चिकित्सक व गार्ड के साथ मारपीट और गाली गलौज किया। कोविड सेंटर में घुस के गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।