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West Champaran: पानी से लबालब खेतों में धान की नई प्रजाति ने किया कमाल, किसान खुश

कृषि विभाग की ओर से दिया गया सवा स्मार्ट- 200 धान का बीज एक कट्ठा खेत में दो क्विंटल धान की उपज प्रखंड कृषि पदाधिकारी मनोरंजन प्रसाद ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के परामर्श पर इस बीज को प्रायोगिक तौर पर किसानों को दिया गया था।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 03:18 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 03:18 PM (IST)
West Champaran: पानी से लबालब खेतों में धान की नई प्रजाति ने किया कमाल, किसान खुश
धान की खेती देखकर किसान व कृषि विभाग के अधिकारी भी काफी प्रसन्न है। जागरण

पश्चिम चंपारण, {प्रदीप दुबे} । जिले के दियारे क्षेत्र के किसानों के लिए खुशखबरी है। प्रति वर्ष अत्यधिक बारिश की वजह से बंजर हो जाने वाली हजारों एकड़ भूमि में धान की खेती संभव है। धान की नई प्रजाति सवा स्मार्ट - 200 दियारे के खेतों के लिए उपयुक्त है। प्रखंड के मंगलपुर गुदरिया पंचायत के आधा दर्जन किसानों ने दियारे के जलजमाव वाले खेतों धान लगाया था। उपज देखकर किसान व कृषि विभाग के अधिकारी भी काफी प्रसन्न है। दियारे के एक कट्ठा खेत में दो क्विंटल धान का उपज हुआ है। जबकि सामान्य खेतों में अन्य प्रजाति का धान एक कट्ठा भूमि में डेढ़ से दो क्विंटल होता है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी मनोरंजन प्रसाद ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों के परामर्श पर इस बीज को प्रायोगिक तौर पर किसानों को दिया गया था। इस वर्ष अत्यधिक बारिश भी हुई। फिर भी पैदावार काफी अच्छा हुआ। यह धान आगात है। अप्रैल में बिचड़ा गिराया जाता है और जुलाई- अगस्त तक धान कट जाता है। यहां के किसानों के लिए यह धान बीज बरदान है।

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किसान दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि रबी फसल कटनी के तुरंत बाद इस धान की खेती कृषि विभाग की निगरानी में किए थे। पांच कट्ठा भूमि में प्रयोग के तौर पर लगाया था। फसल जुलाई के अंतिम सप्ताह में कट गई है। अत्यधिक बारिश भी हुई, फिर भी करीब दस क्विंटल धान हुआ है। किसान नवल साह ने बताया कि चार कट्ठा खेत में सवा स्मार्ट- 200 बीज लगाए थे। आठ दिनों तक पूरा खेत पानी में डूबा रहा। फसल पकर तैयार है। पैदावार ठीक- ठाक होने वाला है। किसान पप्पू भारती, ललन प्रसाद, दीनबंधू प्रसाद कुशवाहा ने भी दियारे में इस बीज से धान की खेती की थी। जिस खेत से कभी धान कटकर घर नहीं आता था, उस खेत में अच्छी फसल हुई है।15 दिनों में तैयार हो जाता है बिचड़ा

सवा स्मार्ट 300 धान बीज अप्रैल माह में गिरा दिया जाता है। 15 दिन में बिचड़ा रोपनी के लिए तैयार हो जाता है। जुलाई के अंतिम या अगस्त के प्रथम सप्ताह में धान की कटनी हो जाती है। धान का पौधा एक सप्ताह तक पानी में डूबे रहने के बाद भी सड़ता नहीं है। नई प्रजाति के धान का प्रयोग को देख दियरावर्ती क्षेत्र के अन्य किसान भी इस धान की खेती करने के लिए उत्सुक हुए हैं।

पैदावार देख अधिकारी भी प्रसन्न

प्रयोग के तौर धान की खेती कराने में कृषि विभाग के कर्मियों ने काफी सहयोग किया। धान की रोपनी से लेकर कटनी तक बीज निर्माण कंपनी के कर्मी भी सक्रिय थे। कंपनी के विजय कुमार मिश्र , श्वाति एवं श्वेता कुमार समेत स्थानीय किसान सलाहकार की मौजूदगी में धान की कटनी एवं दवनी हुई। पैदावार देख किसानों के साथ - साथ कृषि विभाग के अधिकारी भी काफी प्रसन्न है।

-सवा स्मार्ट- 200 धान खासकर पानी लगने वाले खेतों के लिए है। दियारा क्षेत्र के किसानों के लिए यह धान वरदान है। प्रयोग सफल है। किसान इस धान को लगाकर अच्छी पैदावार लिए हैं।सरकारी स्तर पर दियारे के किसानों जागरूक किया जाएगा।- मनोरंजन प्रसाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी, नौतन

सवा स्मार्ट धान 200 की खासियत

  • कम अवधि में तैयार होने वाला धान
  • गिरने के प्रति सहनशील
  • सिंचाई और उर्वरक व दवा की लागत में बचत
  • अधिक उपज व दिखने में अच्छा
  • किसान के लिए अधिक आय
  • वर्षा आधारित कृषि (बरसाती खेती) के लिए वरदान

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