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West Champaran: वीटीआर में गोवर्द्धना की जगह मदनपुर रेंज में होगा गैंडों का अधिवास

अप्रैल के मध्य में पहुंचेंगी केंद्रीय टीम वातावरण व संसाधनों की होगी समीक्षा वीटीआर में मौजूद हैं दो नर गैंडे वंशवृद्धि के लिए काजीरंगा से लाए जाएंगे मादा गैंडे गैंडों के अधिवास की प्रक्रिया इसी माह से शुरू होगी। 15 अप्रैल को चार सदस्यीय केंद्रीय टीम मदनपुर आएगी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 10:45 AM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 10:45 AM (IST)
West Champaran: वीटीआर में गोवर्द्धना की जगह मदनपुर रेंज में होगा गैंडों का अधिवास
पश्‍चिम चंपारण के वीटीआर से गैंडों को मदनपुर रेंज भेजने की तैयारी।

पश्‍चिम चंपारण, जासं। बिहार के इकलौते वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के मदनपुर वन क्षेत्र को गैंडों के अधिवास के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले अधिवास क्षेत्र गोबर्द्धना वन क्षेत्र में विकसित किया जाना था लेकिन, मदनपुर गैंडों के अधिवास के लिए अधिक माकूल है। इस कारण वन अधिकारियों ने स्थान परिवर्तित करते हुए इसकी जानकारी विभाग को भेजी है। गैंडों के अधिवास की प्रक्रिया इसी माह से शुरू होगी। 15 अप्रैल को चार सदस्यीय केंद्रीय टीम मदनपुर आएगी। इसमें काजीरंगा और दुधवा नेशनल पार्क के वन अधिकारी होंगे। वे यहां गैंडों के प्राकृतिक अधिवास का अवलोकन करेंगे। गैंडों का कुनबा बढ़ाने के लिए जरूरी संसाधन विकसित करने पर स्थानीय अधिकारियों को जानकारी देंगे। उल्लेखनीय है कि वीटीआर में एक भी गैंडा नहीं है। जंगल की सीमा नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से जुड़ती है। जहां बहुआयात संख्या में गैंडे पाए जाते हैं। हर साल बरसात में जब जंगल में पानी भर जाता, नेपाली गैंडे भारतीय सीमा का रुख करते। इनमें कुछ वापस लौट जाते, जबकि बीते कुछ वर्षों में दो गैंडे वीटीआर के अनुकूल माहौल के कारण यहीं के होकर रह गए हैं।

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मदनपुर में है 500 एकड़ का जलीय क्षेत्र मौजूद :-

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले मुजफ्फरपुर-गोरखपुर रेलखंड के किनारे वनवर्ती क्षेत्र में 500 हेक्टेयर से अधिक प्राकृतिक जलीय क्षेत्र है, जिसमें वर्षभर कीचड़युक्त पानी रहता है। यह गंडक नदी का तटवर्ती इलाका है। गैंडों को ऐसे स्थान काफी रास आते हैं। यहां का वातावरण और जलवायु भी गैंडों के लिए अनुकूल है। वीटीआर के वन पदाधिकारियों को इसमें गैंडों के कुनबे के बढ़ने की उम्मीद है।

वीटीआर में मौजूद दोनों गैंडे नर हैं। वंशवृद्धि के लिए काजीरंगा नेशनल पार्क से एक मादा गैंडा को वीटीआर लाए जाने की तैयारी है। जानवर सुरक्षित रहे, इसके लिए रेल ट्रैक के किनारे पक्की चहारदीवारी का निर्माण करा दिया गया है।

-- गैंडा अधिवास क्षेत्र को विकसित के लिए अप्रैल में एक दल मदनपुर रेंज का जायजा लेगा। वे यहां गैंडों के प्राकृतिक अधिवास की जलवायु और संसाधनों का अवलोकन करेंगे। गैंडों के लिए गोबर्द्धना रेंज की जलवायु मदनपुर रेंज की अपेक्षा कम उपयुक्त पाई गई है।- हेमकांत राय, मुख्य वन संरक्षक सह निदेशक, वाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना


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