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स्ट्रेेचर नहीं मिला तो छोटे भाई ने दिया कंधे का सहारा, तय की इमरजेंसी से ओपीडी तक की दूरी

समस्तीपुर के सदर अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड से ओपीडी जाने के लिए मरीज को नहीं मिली स्ट्रेचर की सुविधा। मरीज के भाई ने कहा स्वास्थ्य कर्मी ने नहीं कराई स्ट्रेचर उपलब्ध।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 06:23 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 06:23 PM (IST)
स्ट्रेेचर नहीं मिला तो छोटे भाई ने दिया कंधे का सहारा, तय की इमरजेंसी से ओपीडी तक की दूरी
स्ट्रेेचर नहीं मिला तो छोटे भाई ने दिया कंधे का सहारा, तय की इमरजेंसी से ओपीडी तक की दूरी

समस्तीपुर, जेएनएन। इलाज व व्यवस्था में खामी का वाहक सिर्फ प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थान ही नहीं है। सदर अस्पताल भी उसके साथ कदमताल कर रहा है। गुरुवार को आपातकालीन वार्ड में चिकित्सा के लिए पहुंचे एक मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ। अस्पताल में स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध रहने के बावजूद मरीज को अपने छोटे भाई के कंधे का ही सहारा मिला।

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 छोटे ने इमरजेंसी से ओपीडी तक की दूरी बड़े भाई को अपने ही कंधे पर उठा कर तय करा दी। मरीज के भाई ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में स्वास्थ्य कर्मी ने उसे स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई। उपाधीक्षक ने कहा कि जैसे ही मरीज पर नजर पड़ी उसे स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध कराई गई।

 वारिसनगर थाना क्षेत्र के रहुआ गांव निवासी भूषण महतो के पुत्र राम कुमार महतो बुखार से पीडि़त थे। अपनी चिकित्सा कराने गुरुवार को सदर अस्पताल पहुंचे थे। मरीज को पहले आपातकालीन विभाग में ले जाया गया। जहां ऑन डयूटी चिकित्सक ने मरीज की चिकित्सा की। स्थिति सामान्य होने के उपरांत ओपीडी जाकर रक्त जांच कराने की सलाह दी। परिजनों ने उसे ओपीडी में ले जाने के लिए इमरजेंसी वार्ड के कर्मी से सुविधा देने की मांग की। इसपर कर्मी ने उसे कंधा पर उठा कर ले जाने की सलाह दी।

 छोटा भाई अपने मरीज को ओपीडी ले जाने के लिए चला। आपातकालीन वार्ड से बाहर निकलने पर उसे ट्रॉली या स्ट्रेचर तक नहीं मिला। अंतत: बड़े भाई को कंधे पर उठाकर ही उसे ले जाना पड़ा। ओपीडी के समीप उपाधीक्षक ने मरीज को कंधे पर उठा कर ले जाते देखा। जिसके बाद उसे पुन: इमरजेंसी वार्ड में भेजकर स्ट्रेचर की सुविधा दी। फिर मरीज को स्ट्रेचर से ओपीडी में लाकर जांच के लिए ब्लड सैंपल दिया।

 समस्तीपुर उपाधीक्षक, सदर अस्पताल डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही ने कहा कि मरीज की आपातकालीन वार्ड में चिकित्सा की गई। चिकित्सक ने उसे जांच कराने की सलाह दी थी। मरीज को उसके परिजन कंधे पर उठाकर ओपीडी में ब्लड जांच के लिए ले जा रहे थे। उसे बाद में स्ट्रेचर की सुविधा दी गई। इमरजेंसी वार्ड से स्ट्रेचर की सुविधा नहीं देने के मामले की जांच की जा रही है। दोषी कर्मी के विरुद्ध कारवाई की जाएगी।


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