सीतामढ़ी में सिर्फ दो माह की नौकरी के लिए भीड़ इतनी की नहीं हो सका इंटरव्यू
एएनएम के 142 पद के लिए करीब 5000 अभ्यर्थी पहुंचे डुमरा स्थित जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र (डीडीसीए) शांतिनगर डुमरा में पड़े आवेदन शारीरिक दूरी का उल्लंघन व बिना मास्क के दिखाई पड़े अधिकतर लोग कोरोना संक्रमण के बचाव के गाइडलाइन का पालन जरूरी।
सीतामढ़ी, जासं। स्वास्थ्य विभाग में बहाली के लिए इन दिनों मारामारी की स्थिति है। एएनएम पद के लिए आवेदन के साथ वाक-इन-इंटरव्यू भी तय था मगर, बेतहाशा भीड़ के चलते सिर्फ आवेदन ही लिया जा सका। एएनएम के 142 पद के लिए सोमवार को करीब 5000 अभ्यर्थियों ने डुमरा स्थित जिला निबंधन सह परामर्श केंद्र (डीडीसीए), शांतिनगर डुमरा में आवेदन किया। साक्षात्कार के बाद कोविड ड्यूटी में इन्हें लगाया जाएगा। तस्वीर में देखिए नौकरी की जद्दोजहद में कोरोना संक्रमण फैलने का डर भी दिल से जाता रहा। भीड़ इतनी की आवेदन वाले स्थल पर शारीरिक दूरी का फर्क बिल्कुल मिट चला।
मास्क भी अधिकतर लोगों ने नहीं पहन रखा था। दरभंगा जिले से आई एएनएम अभ्यर्थी विनीता ने कहा कि अन्य जिलों की अपेक्षा सीतामढ़ी में काफी भीड़ होने के बावजूद अभ्यर्थियों को परेशानी कम हुई। क्योंकि, यहां का मैनजमेंट ठीक था।मुजफ्फरपुर जिला से आई अभ्यर्थी प्रीति कुमारी ने बताया कि चिलचिलाती धूप से लोगों की परेशानी बढ़ी हुई थी। मगर, आवेदन करना भी जरूरी था इसीलिए अफरातफरी का माहौल था। मधुबनी से आई आरती कुमारी का कहना था कि उन्हें बहाली में धांधली की आशंका लग रही है। क्योंकि, आवेदन के समय अभ्यर्थियों में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि पचास-पचास हजार रुपये घुस लिए जा रहे हैं। ऐसे में गरीब अभ्यर्थियों को क्या होगा? विभाग का कहना है कि अगले दो माह के लिए चिकित्सक, जीएनएम, एएनएम, प्रयोगशाला प्रावैधिकी, डाटा इंट्री ऑपरेटर एवं वार्ड बॉय के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत स्वीकृत दर पर सेवा लेने हेते वाक-इन-इंटरव्यू लिया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में इंटरव्यू के बाद भी रिजल्ट नहीं देने के लिए पूर्व सांसद ने की शिकायत
पूर्व सांसद सीताराम यादव ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर, नर्स, लैब सहायक, जीएमएस, की बहाली के लिए इंटरव्यू के बाद भी रिजल्ट नहीं निकलना गहन जांच का विषय है। डाटा इंट्री ऑपरेटर की बहाली तो स्थगित हो गई लेकिन, अभी तक अन्य पदों के लिए इंटरव्यू के विरूद्ध रिजल्ट नहीं निकाला संदेहास्पद प्रतीत होता है। उन्होंने कहा है कि अभी तक रिजल्ट घोषित हो जाना चाहिए। पूर्व सांसद ने कहा है कि इस सिलसिले में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय से बात की और इससे अवगत कराया। उन दोनों ने आश्वस्त किया की तुरंत बात कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। पूर्व सांसद ने आरोप लगाया है कि रिजल्ट में विलंब इसलिए हो रहा है क्योंकि, सिविल सर्जन कार्यलय में पैसे की लेनदेन की कोशिश हो रही है। उधर, सिविल सर्जन डॉ. राकेश चंद्र सहाय वर्मा ने ऐसे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि नियम संगत ही कोई कार्य होगा।