मुजफ्फरपुर में संक्रमितों की दोबारा नहीं हो रही जांच, होम क्वारंटाइन की निगरानी नहीं
सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि आइसीएमआर की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन जारी है। जिसमें कहा गया है मरीजों की दोबारा कोरोना जांच नहीं होगी। अगर कोई लक्षण नहीं है तो होम क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें स्वस्थ माना जाएगा।
मुजफ्फरपुर, जासं। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना संक्रमित की दोबारा जांच नहीं हो पाती है। कंट्रोल रूम में रामबाग के एक मरीज ने शिकायत करते हुए कहा कि उसको कोई जांच करने नहीं आया। पांच दिन के बाद उसको कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले। उसको कंट्रोल रूम से जवाब मिला कि सात दिन बाद यदि आपको कोई लक्षण नहीं है तो अपने को स्वस्थ ही मानें। इस तरह की शिकायत प्रतिदिन कंट्रोल रूम में आ रही है। जानकारों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के अनुसार होम क्वारंटाइन में रहने वाले व्यक्तियों का स्वस्थ्य कर्मी निगरानी करेंगे, लेकिन जिले में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। सिविल सर्जन डा. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि आइसीएमआर की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन जारी है। जिसमें कहा गया है मरीजों की दोबारा कोरोना जांच नहीं होगी। अगर कोई लक्षण नहीं है तो होम क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के बाद उन्हें स्वस्थ माना जाएगा। बताया कि दोबारा जांच करने से मरीजों में फाल्स पाजिटिव रिपोर्ट आने लगी थी। जिसके बाद आइसीएमआर ने पॉजिटिव मरीजों के दोबारा जांच पर रोक लगा दी है। अगर सात दिनों बाद भी मरीज में कोई लक्षण है तो वह दोबारा जांच करा सकता है।
समय पर वैक्सीन वितरण नहीं करने वाले पांच स्वास्थ्य प्रबंधकों की सेवा पर लटकी तलवार
मुजफ्फरपुर : कोरोना टीकाकरण अभियान में लापरवाही सामने आने के बाद विभाग सख्त है। राज्य मुख्यालय से पांच स्वास्थ्य प्रबंधकों को चिन्हित कर उनसे जवाब मांगा गया है। राज्य मुख्यालय की सख्ती के बाद महकमे में हड़कंप मचा है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से कई बार चेतावनी दी है। सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य प्रबंधक ओम प्रकाश बंदरा, रामकृष्ण बोचहा, ओबैद अंसारी, गायघाट, आशीष कुमार मिश्रा कुढऩी, आलोक कुमार मुशहरी पर समय पर दवा वितरण नहीं करने का आरोप है। अपर निदेशक सह राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी की ओर से भेजे गए पत्र में इस बात का उल्लेख है कि 18 अक्टूबर को आयोजित कोरोना टीकाकरण महाभियान में निर्देश के बावजूद वैक्सीन वितरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य में अनाधिकृत रूप से सभी प्रबंधक अनुपस्थित थे जिससे वैक्सीन वितरण में कठिनाई हुई। उसका प्रतिकूल प्रभाव पूरी प्रक्रिया में पड़ा। विभाग ने माना कि यह कृत्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कार्य के प्रावधानों के विपरीत आचरण तथा कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने का द्योतक है। सीएस ने कहा कि राज्य मु़ख्यालय का आदेश है कि तथ्यात्मक स्पष्टीकरण दस दिनों के अन्दर अगर जवाब तथ्यपरक नहीं होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।