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Muzaffarpur Flood News: मुजफ्फरपुर में 19 दिन में 17 स्थानों पर टूटे तटबंध, 14 प्रखंडों में बाढ़ का प्रभाव

मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक के तटबंध आठ स्थानों पर बाया के चार कदाने के तीन व तिरहुत नहर के दोनों तटबंध टूटे। मरम्मत के नाम पर मनमानी।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 08:50 AM (IST)
Muzaffarpur Flood News: मुजफ्फरपुर में 19 दिन में 17 स्थानों पर टूटे तटबंध, 14 प्रखंडों में बाढ़ का प्रभाव
Muzaffarpur Flood News: मुजफ्फरपुर में 19 दिन में 17 स्थानों पर टूटे तटबंध, 14 प्रखंडों में बाढ़ का प्रभाव

मुजफ्फरपुर [नीरज]। उफनाती नदियां राज खोल रहीं कि बाढ़ पूर्व बांधों की मरम्मत में किस तरह मनमानी की गई। तभी तो, 19 दिनों में 17 स्थानों पर तटबंध टूट गए। 16 तटबंध तो नौ दिन में ही टूट गए। लिहाजा बाढ़ का प्रभाव 14 प्रखंडों में दिख रहा है। राहत की बात यह है कि बागमती का तटबंध अब तक बचा हुआ है। वरना तबाही का मंजर और भयावह होता। 

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 पिछले एक साल में जिले में तटबंधों की मरम्मत पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन, बारिश में नदियां उफनाईं तो एक के बाद एक तटबंध टूटने लगे। बूढ़ी गंडक के तटबंध आठ स्थानों पर, बाया के चार, कदाने के तीन व तिरहुत नहर के दोनों तटबंध टूटे हैं। 

18 जुलाई को साहेबगंज प्रखंड के वैद्यनाथपुर में बाया नदी का तटबंध टूटा। अगले ही दिन रुपछपरा में इसी नदी का तटबंध टूटा। 26 जुलाई को सकरा के बरियारपुर में कदाने, 27 को सकरा प्रखंड के बडग़ांव बगाही में बूढ़ी गंडक का टेनी बांध व उसी दिन सकरा के योगनी गंगा में कदाने का तटबंध टूटा था। 27 को ही बंदरा में बूढ़ी गंडक का रिंग बांध, 28 को बंदरा के बडग़ांव में बूढ़ी गंडक व साहेबगंज के देवघर में बाया का तटबंध ध्वस्त हुआ था।

 दो व तीन अगस्त को मुरौल में मुहम्मदपुर तिरहुत नहर का दायां व बायां तटबंध टूटे। दो अगस्त को सरैया में बाया नदी, पांच को सकरा के गनीपुर बेझा में कदाने का तटबंध टूट गया। इधर, 28 जुलाई को शहर से सटे विजयी छपरा में बूढ़ी गंडक व 29 जुलाई को शहर के पुरानी जीरोमाइल के पास बूढ़ी गंडक का तटबंध टूटा। बाढ़ का पानी अब भी तबाही का सबब बना हुआ है। बागमती और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं।

बांध की मरम्मत पर सवाल

विजयी छपरा तटबंध टूटने के बाद बेघर हुईं सुधा देवी, देवानंद सहनी और दिलीप कुमार बताते हैं कि वर्ष 2017 में बूढ़ी गंडक तटबंध के ऊपर से बह रही थी। इसके चलते तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ था। लेकिन, मरम्मत नहीं कराई गई। केवल रेनकट भरने के लिए बोरा डाल दिया गया था। मुरौल निवासी मोहन सिंह ने बताया कि विभाग की लापरवाही से मुहम्मदपुर कोठी का तटबंध टूटा है। मरम्मत के नाम पर मनमानी की गई।

डीपीआरओ कमल सिंह कहते हैं कि अधिक बारिश से तटबंधों पर दबाव बना और वे टूट गए। 14.25 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। तटबंधों की मरम्मत का काम जारी है।

इस बारे में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता शांति रंजन शर्मा ने कहा कि जिले में बागमती का तटबंध सुरक्षित है। अभियंताओं की टीम काम कर रही है। जहां-जहां खतरा है, वहां नजर रखी जा रही है। बाढ़ से बचाव और सुरक्षा का कार्य जारी है। शीघ्र ही क्षति और खर्च का आकलन किया जाएगा। 


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