मुजफ्फरपुर में मौसम की मार, डायरिया व ब्रेन मलेरिया से बच्चे हो रहे बीमार
मेडिसीन विशेषज्ञ डा.एके दास ने बताया कि अभी ठंड ने दस्तक दी है। इसके कारण सर्दी खांसी व बुखार का प्रभाव हो रहा है। ठंड की वजह से सांस व दमा के रोगियों को ज्यादा तकलीफें उठानी पड़ेंगी। इसलिए सुबह बाहर निकलें तो बदन पर पूरा कपड़ा रहना चाहिए।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बारिश के बाद ठंड ने दस्तक दे दी है। मौसम की मार से हर उम्र के लोग खासकर बच्चे बीमार हो रहे हैं। दस्त, सर्दी, खांसी बुखार का प्रभाव दिख रहा है। बच्चों में ब्रेन मलेरिया फैल रहा है। एसकेएमसीएच में अलग-अलग जगहों से पहुंचे ब्रेन मलेरिया पीडि़त एक दर्जन बच्चों को भर्ती किया गया है। सबका इलाज चल रहा है। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा.गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि बरसात के कारण जलजमाव को लेकर ब्रेन मलेरिया का प्रभाव बच्चों पर ज्यादा दिख रहा है। देर रात से लेकर सुबह तक ठंड बढऩे के कारण सर्दी-खांसी व डायरिया का असर भी है। प्रतिदिन ओपीडी में 50 से 100 बच्चे मौसमी बीमारी के आ रहे हैं। चिकित्सक का कहना है कि ब्रेन मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। सफाई पर ध्यान दें। आसपास जलजमाव नहीं होने दें। अगर बच्चे में बुखार का लक्षण हो तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से मिले।
मेडिसीन विशेषज्ञ डा.एके दास ने बताया कि अभी ठंड ने दस्तक दी है। इसके कारण सर्दी, खांसी व बुखार का प्रभाव हो रहा है। ठंड की वजह से सांस व दमा के रोगियों को ज्यादा तकलीफें उठानी पड़ेंगी। इसलिए सुबह बाहर निकलें तो बदन पर पूरा कपड़ा रहना चाहिए। रात में पंखा चलाकर नहीं सोना चाहिए। जाती व आती ठंड में हम संभल कर कम रहते हैं इस कारण बीमारियों का खतरा बढ़ता है। ठंड के मौसम में जुकाम, गला खराब होना, कान-नाक बहना व सांस की बीमारियां फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। बीमारी होने पर चिकित्सक की सलाह से दवाइयों का सेवन करना चाहिए। अपने मन से दवा नहीं लें। डा.दास ने बताया कि आइसक्रीम व फ्रिज के पानी सेवन से परहेज करें, बासी भोजन नहीं करें, हाथ की पूरी तरह से सफाई करने के बाद ही कुछ भी सेवन करे।