मधुबनी में सीएम के सात निश्चय योजना की राशि पर कुंडली मार बैठे मुखिया पर गिर सकती गाज
जिला पदाधिकारी ने सभी एसडीओ एवं डीसीएलआर को दिए जांच के आदेश। मनमाना रवैया अपना रखे मुखिया को पदच्युत करने के लिए जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग से होगी अनुशंसा। मामला सात निश्चय योजना के कार्यान्वयन के लिए वार्ड के खाते में राशि हस्तांतरित करने में कोताही बरतने का।
मधुबनी, जासं। सात निश्चय योजनाओं की राशि पर कुंडली मार बैठे मुखिया की परेशानी बढ़ सकती है। सात निश्चय योजना की राशि हस्तांतरण में कोताही बरतने वाले मुखिया पर पदच्युत होने का खतरा मंडराने लगा है। जिला पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के कार्यान्वयन के लिए राशि का हस्तांतरण नहीं करने वाले मुखिया के विरुद्ध जांच का आदेश जारी कर दिया है। जिला पदाधिकारी ने इस मामले की जांच का निर्देश जिले के सभी पांचों अनुमंडलों के अनुमंडल पदाधिकारियों एवं भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को दिया है।
स्पष्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा
डीएम ने इन पदाधिकारियों को उक्त मामले की जांच कर स्पष्ट रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि ऐसे लापरवाह मुखिया को पद से हटाने के लिए पंचायती राज विभाग को अनुशंसा भेजी जा सके। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तर से सीधे ग्राम पंचायतों के खाते में राशि उपलब्ध कराई जाती है। ग्राम पंचायतों के विभिन्न वार्डों में नल-जल निश्चय योजना एवं पक्की गली-नाली निश्चय योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत के मुखिया द्वारा वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के बैंक खाते में प्राक्कलित राशि हस्तांतरित करने का प्रावधान है। लेकिन, कई पंचायतों के मुखिया ने इन दोनों योजनाओं का कार्यान्वयन कराने के लिए वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के बैंक खातों में राशि हस्तांतरित करने से कोताही बरती है। इतना ही नहीं, मनमाने तरीके से प्राक्कलित राशि के विरुद्ध कई मुखिया ने आंशिक राशि का ही हस्तांतरण किया है। कई मुखिया द्वारा मार्गदर्शिका के अनुरुप उक्त कार्यों के लिए वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के बैंक खाते में राशि का हस्तांतरण नहीं किया जा रहा हे। जिस कारण कई ग्राम पंचायतों के बैंक खाते में सात निश्चय योजना की काफी राशि अनुपयोगी पड़ी हुई है। इस मामले को पंचायती राज विभाग ने काफी गंभीरता से लिया है।
योजनाओं के प्रबंधन व पर्यवेक्षण में कोताही बरत रहे मुखिया
पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव से प्राप्त निर्देश के आलोक में जिला पदाधिकारी ने वैसे ग्राम पंचायतों के मुखिया के कार्यकलाप की जांच करने का आदेश दिया है, जिन पंचायतों के खाते में सात निश्चय योजना की अत्यधिक राशि बची हुई है और राशि का हस्तांतरण नहीं किए जाने के कारण योजना का क्रियान्वयन प्रभावित हो गया। ऐसी सूचना है कि कई पंचायत के मुखिया वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा क्रियान्वित नल-जल निश्चय योजना का नियमित प्रबंधन एवं पर्यवेक्षण भी नहीं कर रहे। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय निदेश के आलोक में जिला पदाधिकारी ने जिले के सभी एसडीओ एवं डीसीएलआर को नल-जल योजना में मुखिया के कार्यकलाप, जिम्मेवारी एवं जवाबदेही की जांच कर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ताकि, कर्तव्य के निर्वहन में मनमानी करने वाले मुखिया को पद से हटाने के की कार्रवाई शुरू हो सके।