बीआरए बिहार विवि में अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक हाजिरी बनाने में करते मनमानी, जानिए मामला
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की हाजिरी के लिए फेस डिटेक्टर और बायोमीट्रिक डिवाइस इंस्टॉल किए गए थे। लेकिन इन डिवाइस का उपयोग नही किया जा रहा है। अधिकारी और कर्मचारी इन्हें नजरअंदाज कर मनमर्जी से आते-जाते हैं।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की हाजिरी दर्ज करने के लिए लगाई गई फेस डिटेक्टर मशीन और बायोमीट्रिक मशीन धूल फांक रहीे हैंं। सभी हाजिरी बनाने में खुलकर मनमानी कर रहे हैं। पिछले करीब नौ महीने से अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक इन डिवाइस का उपयोग नहीं कर रहे हैं। इनमें से कई डिवाइस तो खराब भी हो चुकी हैं। वहीं, अन्य सभी पर धूल की मोटी परत जमी हुई है।
अपनी मर्जी से आते-जाते सभी :
विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में पांच, कुलपति आवास पर एक, सेंट्रल लाइब्रेरी में एक समेत अन्य सभी पीजी विभागों में एक-एक फेस डिटेक्टर डिवाइस लगी है। इनका उपयोग नहीं हो रहा है। इससे हाजिरी नहीं बनने से अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अपनी मर्जी से आते-जाते हैं। कई पीजी विभागों में कर्मचारी दोपहर में आते हैं। इससे हाजिरी नहीं बनने से वे कोरम पूरा करने के बाद कुछ देर में ही गायब हो जाते हैं।
दो वर्ष पूर्व व्यवस्था की गई थी लागू : अधिकतर अधिकारी व कर्मचारी अपने कार्यालय में नहीं मिलते। इससे पांच जिलों से आने वाले विद्यार्थियों को परेशानी झेलनी पड़ती है। पूछने पर अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण का हवाला देकर बायोमीट्रिक का उपयोग नहीं करने की बात कही। वहीं, फेस डिटेक्टर में बिना स्पर्श किए ही हाजिरी बनाने की सुविधा है। इसका भी उपयोग नहीं हो रहा है। बताया जा रहा है कि पूर्व कुलसचिव कर्नल एके राय के आदेश पर करीब दो वर्ष पूर्व ये व्यवस्था लागू की गई थी। कुछ दिन चलने के बाद ही फिर इसे नजरअंदाज कर दिया गया।
इस संबंध में कुलसचिव प्रो.रामकृष्ण ठाकुर का कहना है कि विवि के सभी विभागों में फेस डिटेक्टर के माध्यम से हाजिरी बनाने की व्यवस्था है। इसमें दूर से ही चेहरा दिखाने पर हाजिरी बन जाती है। पिछले कई महीने से यह बंद है। संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर शीघ्र इस व्यवस्था को शुरू कराई जाएगी।