यदि ओलावृष्टि से आपकी मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा है तो सरकार की इस घोषणा के बारे में जरूर जानकारी हासिल करें
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और बिहार के कृषि मंत्री ने किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ किया संवाद।
समस्तीपुर, जेएनएन। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी एवं बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने प्रो अमरेन्द्र कुमार से जिले के कृषि एवं किसानों की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। वीडियो कॉलिंग द्वारा बिहार किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री प्रो अमरेन्द्र कुमार से जिले एवं आसपास के कृषकों की समस्या एवं कृषि क्षेत्र के समक्ष उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा की।
निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग
इस अवसर पर उनके द्वारा जिले के मक्के की फसल को अप्रैल माह में हुई ओलावृष्टि से अलग रखने के निर्णय पर पुर्निवचार करने को कहा। इसे कृषि मंत्री ने मान लिया। बिहार के कृषि मंत्री द्वारा केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री को राज्य के पान, फूल, लीची उत्पादक किसानों को उत्पाद परिवहन में आने वाली समस्याओं और खर्च की ओर ध्यान आर्किषत किया। कहा, अभी इन उत्पादों पर परिवहन व्यय 80 रुपये प्रति किलोग्राम आ रहा है, जिसे यदि केंद्र एवं राज्य सरकार आधा-आधा बांट लें तो इनके उत्पादक किसानों को मदद मिल सकती है।
फसली ऋण पर तीन माह तक भुगतान की छूट
उन्होंने कहा कि अभी किसानों को केसीसी एवं फसली ऋण पर तीन माह तक भुगतान की छूट दी गई है, जिसे आगे एक वर्ष तक बढाए जाने पर विचार चल रहा है। आगे फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों के लिए प्रतिदिन मंडियों के बाजार भाव जारी करने की जानकारी भी दी। जिससे किसान को अहले सुबह उठकर मंडी-मंडी मूल्य की जानकारी लेने हेतु जाना अथवा फोन न करना पड़े। इस वार्ता में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और वर्तमान में बिहार प्रदेश किसान मोर्चा के प्रभारी जगन्नाथ ठाकुर भी शामिल रहे। वार्ता का आयोजन बिहार भाजपा किसान मोर्चा द्वारा प्रदेश अध्यक्ष सरोज रंजन पटेल के नेतृत्व में किया गया था।