DENGUE: यदि आप या आपके परिजन इससे पीडि़त हैं तो आयुर्वेद में है कारगर इलाज, जानिए
DENGUE इस बीमारी में रोगी अत्यधिक कमजोर होने लगता है। ज्वर दिमाग पर भी असर कर सकता है। पपीते के पत्ते व तुलसी का काढ़ा लाभप्रद। मरीज को बकरी के दूध के सेवन से भी मिल सकता लाभ।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। डेंगू विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से होनेवाला ज्वर है। यह मरीज के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को घटा देता है। इस कारण इससे होनेवाले ज्वर पर कोई सामान्य दवा असर नहीं करती। रोगी अत्यधिक कमजोर होने लगता है। ज्वर दिमाग पर भी असर कर सकता है। इस रोग के निदान में आयुर्वेद काफी कारगर है। शहर के मिठनपुरा, पानी टंकी चौक स्थित जनक आयुर्वेद अनुसंधान केंद्र के वैद्य डॉ. ललन तिवारी ने यह बातें बताईं।
वैद्य डॉ. तिवारी ने डेंगू के इलाज में कारगर कुछ घरेलू उपचार भी सुझाए। उन्होंने कहा कि पपीता के पत्ते का काढ़ा सुबह-शाम भोजन से पहले पीने से मरीज को फायदा होता है। इसे तैयार करने के लिए लिए चार कप पानी में पपीते का एक पत्ता मसल दें। फिर उस बर्तन का मुंह साफ कपड़े से बांध दें और पानी को तबतक उबालें जबतक कि वह एक कप के बराबर न हो जाए। इसे छानकर सेवन करें।
तुलसी का काढ़ा भी इसमें लाभप्रद है। इसे बनाने के लिए चार कप पानी में तुलसी के 21 पत्ते, गोल मिर्च के दो दाने, सोंठ की हल्की मात्रा, पांच ग्राम मुलेठी और 10 ग्राम गुड़ को मिलाकर तबतक उबालें जबतक कि वह एक कप के बराबर न हो जाए। इस तरह तैयार काढ़े को सुबह-शाम भोजन के बाद लें।
वहीं वैद्य ने बकरी के दूध को भी डेंगू के इलाज में फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि इसके मरीज को सुबह-शाम एक-एक ग्लास बकरी के दूध का सेवन करना चाहिए। ज्वर अधिक रहने पर मरीज के माथे पर बकरी के दूध में भींगी कपड़े की पट्टी डालने से भी फायदा होता है। इस रोग में चावल खाने, दिन में सोने और शुरुआती तीन दिन स्नान से परहेज की भी सलाह भी उन्होंने दी है।