यदि आप एमडीडीएम की छात्रा हैं तो नियमों में हुए इन बदलावों को जरूर जानें
एमडीडीएम कॉलेज की प्राचार्य ने कैंपस में चेहरा ढंकने व मोबाइल लेकर चलने पर रोक लगा दी है।
By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 11:42 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 12:31 AM (IST)
मुजफ्फरपुर(जेएनएन) : एमडीडीएम कॉलेज प्रशासन ने कैंपस में छात्राओं के चेहरा ढंककर आने पर रोक लगा दी है। साथ ही हाथ में मोबाइल लेकर टहलने पर रोक के साथ यूनिफॉर्म में ही कॉलेज आना अनिवार्य किया गया है। ये फैसला अवांछित तत्वों को कैंपस में प्रवेश से रोकने के लिए लिया गया है।
पहचानने में असुविधा
दूसरे कॉलेज की गल्र्स मुंह पर कपड़ा बांधकर कैंपस में आ जाती हैं। चेहरा ढंके होने से उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने छात्रसंघ के साथ बैठक में अनुशासन पर सर्वाधिक जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज सूबे का इकलौता सीपीई स्टेटस वाला है। यहां की छात्रा राज्यपाल जैसे उच्च पदस्थ होने के साथ कई बड़े पदों को सुशोभित कर रहीं हैं, उस अनुसार यहां का वातावरण भी दिखना चाहिए।
छात्राओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण
यह संस्थान और बेहतर कैसे बने इसमें छात्राओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कॉलेज स्वच्छ हो, सुंदर हो और छात्राएं अनुशासित हों इस पर विशेष ध्यान देना है। बैठक में प्रशाखा पदाधिकारी इंद्र कुमार दास, विवेक अस्थाना, छात्रसंघ विश्वविद्यालय महासचिव स्वर्णिम चौहान, अध्यक्ष सोनाली सिंह, उपाध्यक्ष इशा सिन्हा, महासचिव इशा चौधरी, कॉलेज प्रतिनिधि महिमा विशाल, चेतना आनंद, सपना कुमारी, सुप्रिया कुमारी आदि मौजूद थीं।
ये दिए गए निर्देश
-छात्राओं को यूनिफॉर्म के लिए सचेत रहना।
-चेहरा ढंककर कैंपस में नहीं दिखना चाहिए।
-हाथ में मोबाइल लेकर नहीं घूमना।
-पेड़-पौधों का नियमित रूप से देखभाल।
-अनावश्यक बिजली-बत्ती न जले, पानी की बर्बादी रोकें।
-कैंपस में हर माह स्वच्छता अभियान चलाना व कूड़े को कूड़ेदान में ही डालने की आदत डालना।
-शिक्षकों, कर्मचारियों व सीनियर्स का अभिवादन करना।
पहचानने में असुविधा
दूसरे कॉलेज की गल्र्स मुंह पर कपड़ा बांधकर कैंपस में आ जाती हैं। चेहरा ढंके होने से उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने छात्रसंघ के साथ बैठक में अनुशासन पर सर्वाधिक जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज सूबे का इकलौता सीपीई स्टेटस वाला है। यहां की छात्रा राज्यपाल जैसे उच्च पदस्थ होने के साथ कई बड़े पदों को सुशोभित कर रहीं हैं, उस अनुसार यहां का वातावरण भी दिखना चाहिए।
छात्राओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण
यह संस्थान और बेहतर कैसे बने इसमें छात्राओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कॉलेज स्वच्छ हो, सुंदर हो और छात्राएं अनुशासित हों इस पर विशेष ध्यान देना है। बैठक में प्रशाखा पदाधिकारी इंद्र कुमार दास, विवेक अस्थाना, छात्रसंघ विश्वविद्यालय महासचिव स्वर्णिम चौहान, अध्यक्ष सोनाली सिंह, उपाध्यक्ष इशा सिन्हा, महासचिव इशा चौधरी, कॉलेज प्रतिनिधि महिमा विशाल, चेतना आनंद, सपना कुमारी, सुप्रिया कुमारी आदि मौजूद थीं।
ये दिए गए निर्देश
-छात्राओं को यूनिफॉर्म के लिए सचेत रहना।
-चेहरा ढंककर कैंपस में नहीं दिखना चाहिए।
-हाथ में मोबाइल लेकर नहीं घूमना।
-पेड़-पौधों का नियमित रूप से देखभाल।
-अनावश्यक बिजली-बत्ती न जले, पानी की बर्बादी रोकें।
-कैंपस में हर माह स्वच्छता अभियान चलाना व कूड़े को कूड़ेदान में ही डालने की आदत डालना।
-शिक्षकों, कर्मचारियों व सीनियर्स का अभिवादन करना।
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