Move to Jagran APP

अगर आप भी कभी-कभी कान में तेल डाल लेते हैं तो यह सूचना केवल आपके लिए है, जरूर पढ़ें

कान में भारीपन महसूस होना मवाद होना बुखार कानों का बहना सोने में परेशानी आना सिरदर्द भूख न लगना कानों में घंटी की आवाज सुनाई देना चक्कर आना उल्टी होना सुनने क्षमता का कमजोर होना जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 10:38 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 10:38 AM (IST)
अगर आप भी कभी-कभी कान में तेल डाल लेते हैं तो यह सूचना केवल आपके लिए है, जरूर पढ़ें
नाक से खून आने पर तत्काल इलाज कराने की जरूरत। फोटो- प्रतीकात्‍मक

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। सर्दी की शुरुआत होते ही नाक, कान एवं गला संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। लोग सबसे अधिक एलर्जी (गले में संक्रमण) से परेशान होते हैं। तापमान गिरने के कारण सर्दी जुकाम भी हो जाता है। इससे कान में संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। कान के मरीजों संख्या बढ़ी है। सदर अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज कान के संक्रमण के आ रहे हैं। प्रत्येक दिन ओपीडी में 150 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है। इनमें करीब 60 फीसदी बच्चे हैं। चिकित्सक कहते हैं कि अगर एलर्जी है तो डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं। दरअसल, सर्दी में लोग कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन अधिक लेते हैं जो इन दिनों समस्या पैदा करती है। कान, नाक और गला शरीर के प्रमुख अंग हैं। लेकिन, आमतौर पर आदमी इन अंगों के प्रति बेपरवाह होता है। जिसके कारण अलग-अलग बीमारियों से जूझना पड़ता है। प्रदूषण का भी इनपर व्यापक असर पड़ता है। कान दर्द होने पर तेल डालना, गेंदा की पत्ती का रस डालना, लकड़ी से खुजलाना या अन्य कई चीजें डालने का प्रचलन है, यह घातक हैं। नाक में अक्सर लोग उंगली डालते हैं, यह परेशानी का सबब बन जाता है। नाक से खून आना, मांस बढ़ना आदि समस्या आ सकती है। गला को दुरस्त रखने के लिए धूम्रपान, ठंडा पानी खतरनाक है। प्रदूषण से बचना जरूरी है।

prime article banner

कान में हो दर्द तो हो जाएं सतर्क

कानों में संक्रमण के चलते दर्द का उभरना सबसे पहला लक्षण होता है। इसके अलावा कान में भारीपन महसूस होना, मवाद होना, बुखार, कानों का बहना, सोने में परेशानी आना, सिरदर्द, भूख न लगना, कानों में घंटी की आवाज सुनाई देना, चक्कर आना, उल्टी होना, सुनने क्षमता का कमजोर होना जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। संक्रमण के बढ़ने से सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।

नाक से खून आने पर तत्काल कराएं इलाज

ठंड के मौसम में नाक से खून निकलने की समस्या बढ़ जाती है। नाक में कई प्रकार की रक्त वाहिकाएं होती हैं। यह रक्त वाहिकाएं बहुत नाजुक होती हैं और पतली झिल्ली से ढंकी होती है। जिस पर नाखून या अन्य प्रकार की चोट से जैसे जोर से नाक साफ करने या एलर्जी के कारण झिल्ली फट जाती है एवं खून आने लगता है।

संक्रमण से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

- सार्वजनिक जगहों से आने के बाद साबुन से हाथ धोएं।

- सर्दी-खांसी से पीड़ित के ज्यादा नजदीक ना जाएं।

- सार्वजनिक स्थानों पर मुंह को रूमाल से ढक लें।

- संक्रमित व्यक्ति के जूठे बर्तन का उपयोग ना करें।

- दिन में कम से कम दो बार मुंह और जीभ को साफ करें।

- दिन में एक बार माउथ वॉश का प्रयोग करें।

कान का संक्रमण होने के साथ ही सुनने की क्षमता भी होती है कम

नाक, कान एवं गला (ईएनटी) विशेषज्ञ डॉ. सैयद मेराज इमाम ने बताया कि ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम होना आम बात है। जुकाम में मरीजों की नाक बहती है। इसके कारण नाक से कान के बीच स्थित यूस्टेकियन ट्यूब में नाक से पानी चला जाता है। इस पानी के कारण मध्य कान (मिडिल ईयर) में संक्रमण हो जाता है। कई बार कफ के कारण ट्यूब ब्लॉक हो जाता है। इससे कान का संक्रमण होने के साथ ही सुनने की क्षमता भी मरीज की कम हो जाती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.