मुजफ्फरपुर में 19 दिन में कैसे खप गईं पारासिटामोल की 40 हजार गोलियां?
मौसम की मार की वजह से जिले में मुजफ्फरपुर में सर्दी खांसी व बुखार के अधिक मरीज अस्पताल आ रहे हैं। सदर अस्पताल में पारासिटामोल की 40 हजार गोलियों की खपत 19 दिनों में हुई है। जिंक की एक लाख 22 हजार गोलियां भी अस्पतालों में मरीजों को दी गई।
मुजफ्फरपुर, जासं। मौसम बीमारी की संख्या में ठंड के कारण अचानक वृद्धि हुई है। कोल्ड डे होने से स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी व एपीएचसी में लोगों को घर से बिना आवश्यक काम के नहीं निकलने की सलाह दी है। विभाग ने सभी प्रभारियों को इसके लिए बच्चे व बुजुर्गाें को बिना अति आवश्यक कार्य के घर से नहीं निकलने को लेकर जागरूकता पर बल दिया है। इस बीच सरकारी अस्पतालों यानी सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक इस माह के पिछले 19 दिन में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों ने तीन लाख की दवाएं सेवन की हंै। सबसे ज्यादा पारासिटामोल, मल्टी विटामिन, जिंक और विटामिन सी की गोलियों जिला मुृख्यालय से भेजी गई हैं। सीएस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज अभी अधिक आ रहे हैं। सबको दवा दी जा रही है। इसलिए ज्यादा खपत है।
विटामिन सी की 25 हजार गोलियों की खपत
जानकारी के अनुसार सदर अस्पताल में पारासिटामोल की 40 हजार गोलियों की खपत 19 दिनों में हुई है। जिंक की एक लाख 22 हजार गोलियां भी अस्पतालों में मरीजों को दी गई हैं। एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन की 27 हजार 800 और डाक्सीसाइक्लिन की 20 हजार गोलियां मरीजों को बीच बांटी गई हैं। विटामिन सी की 25 हजार गोलियों की खपत हुई है। सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने बताया कि जिला सेंटर स्टोर से 1215 होम आइसोलेशन किट भी मरीजों को भेजी गई है। इसमें पारासिटामोल, ङ्क्षजक, विटामिन सी और एंटीबायोटिक शामिल है। सरकारी अस्पतालों में सैनिटाइजर के 2712 बोतल की खपत हुई है। इसके अलावा 40 हजार 750 मास्क अस्पतालों में भेजी गई है। उन्होंने कहा कि ठंड व बदलते मौसम में इन दवाओं की खपत बढ़ जाती हैं। दवा की कमी नहीं होने दी जा रही है।
विभाग ने कहा, रहें सतर्क
विभाग ने सभी प्रभारियों को बच्चे व बुजुर्र्गां को बिना अति आवश्यक कार्य के घर से नहीं निकलने की सलाह देने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है। पोस्टर, पंफलेट और होर्डिंग के माध्यम से बच्चे व बुजुर्गों को ठंड से बचाव की सलाह दी जाएगी। सिविल सर्जन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से इमरजेंसी सेवा एवं ठंड जनित बीमारियों के इलाज की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है। ठंड से किसी बीमार व्यक्ति की मौत होती है तो उसकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को तुरंत भेजी जाए।