अभियुक्तों को कैसे मिल सकेगी सजा, न गवाह आते न वारंटों का होता तामिला Muzaffarpur News
एक वर्ष में 7444 पत्रों में 10 फीसद से कम गवाही वारंटों का भी नहीं हो सका तामिला।जिला अभियोजन पदाधिकारी ने एसएसपी को लिखा पत्र कहा- कई स्तरों पर सुधार की जरूरत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कई स्तरों पर कमी के कारण जिले में कांडों के निष्पादन में काफी परेशानी हो रही। इसका फायदा अभियुक्तों को मिल रहा। इन कमियों को दूर करने के लिए जिला अभियोजन पदाधिकारी ज्ञानचंद्र भारद्वाज ने एसएसपी मनोज कुमार को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालयों में 125 मामलों का निष्पादन विभिन्न स्तरों पर किया गया है। मगर, इसमें सजा मात्र तीन कांडों में ही हुई। वहीं, अभियुक्तों की संख्या भी तीन ही है। यह काफी कम है। उन्होंने इसके लिए कई कारण गिनाए हैं।
कोर्ट में दस फीसद गवाह भी नहीं हो पाते उपस्थित
अभियोजन पदाधिकारी के अनुसार कांडों में गवाही गुजरने की संख्या काफी कम है। मार्च 2018 से अप्रैल 2019 तक गवाहों को उपस्थित कराने के लिए 7444 पत्र जारी किए गए। मगर, दस फीसद की अनुपालन रिपोर्ट भी नहीं भेजी गई। साथ ही, इतना ही गवाह भी उपस्थित कराए जा सके। इसके अलावा कोर्ट से जारी वारंट और अभियोजन कार्यालय के पत्रों की तामिला रिपोर्ट भी नहीं मिलती। पुलिस पदाधिकारियों के तबादले की सूचना भी नहीं भेजी जा रही।
मानव व्यापार मामले में भी सुस्ती
मानव व्यापार से जुड़े मामले के निष्पादन में भी सुस्ती की बात कही गई है। इसके अनुसार 20 कांडों में 18 की रिपोर्ट थानाध्यक्ष स्तर से नहीं भेजी गई। जबकि, इसकी समीक्षा गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव स्तर से की जाती है।
साक्षर पुलिसकर्मी की प्रतिनियुक्ति नहीं
अभियोजन पदाधिकारी ने पत्र में कहा कि गवाहों को उपस्थित कराने और कांडों के संचालन एवं निष्पादन के लिए उनके कार्यालय में साक्षर पुलिसकर्मी की जरूरत होती। मगर, एक भी साक्षर पुलिसकर्मी की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। इससे भी कांडों के निष्पादन में परेशानी होती। उन्होंने उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देते हुए उचित कार्रवाई का आग्रह किया है।