सौ-सौ के नोट लेकर चले परदेस
क्या बताएं, मुंबई में प्राइवेट काम कर परिवार का भरण पोषण करते हैं।
मुजफ्फरपुर । क्या बताएं, मुंबई में प्राइवेट काम कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। नोटबंदी के कारण लौट आए। लेकिन अब सौ-सौ नोट मिलने पर राहत है। इससे परदेस में कमाई को चल दिए हैं। उक्त बातें सोमवार को शिवहर के मनोज कुमार, उषा रानी, जय किशोर व अन्य यात्रियों ने कही। बताया कि नोटबंदी की घोषणा होने पर एक-दो दिन काफी दिक्कत हुई। घर पर पैसे रहते दिक्कत होने की सूचना पर वहां से लौट आए। पांच सौ व हजार के नोट को बैंक में जमा किया। सौ-सौ के नोट मिलने के बाद दिक्कत दूर हो गई। इससे घर पर बैठकर समय बिताने से अच्छा मुंबई में जाकर किसी फैक्ट्री में काम करेंगे। यात्री अनोज कुमार व अजय कुमार ने कहा कि गांव पर खेतीबारी है। उससे जितनी इनकम होती है, उससे काम नहीं चलता है। परदेस में फैक्ट्री में काम मिल जाता है। कमाई करने पर ही परिवार व बच्चों का भरण-पोषण कर सकते हैं। नोटबंदी होने से मुंबई में कोई खुदरा नहीं दे रहा था। इससे स्टेशन पर पहुंचने पर हजार के नोट से टिकट मिलने पर लौट आए। मुंबई में दोस्त है। उसने फोन बताया कि यहां अब दिक्कत नहीं है। आ जाओ। इससे मुंबई कमाई करने जा रहे हैं।