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West Champaran: बगहा में भारी बारिश से सहमे गंडक किनारे के लोग, बाढ़ की आशंका में बढ़ी बेचैनी

बगहा दो प्रखंड के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के कान्ही टोला बीन टोला चकदहवा झंडहवा टोला व ठाढी गांव के लोग भी बारिश के कारण बेचैन हैं। इन पांचों गांवों में गंडक के जलस्तर में आंशिक बढ़ोतरी के बाद लोगों को पलायन करना पड़ता है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 05:24 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 05:24 PM (IST)
West Champaran: बगहा में भारी बारिश से सहमे गंडक किनारे के लोग, बाढ़ की आशंका में बढ़ी बेचैनी
पश्‍च‍िम चंपारण के बगहा में बार‍िश से बाढ़़ की आशंका। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। शनिवार की सुबह से हो रही झमाझम बारिश के कारण निचले इलाकों के लोगों की बेचैनी बढ़ गई है। ग्रामीण इलाके से लेकर नगर तक के लोगों को जलजमाव और बाढ़ का खतरा सता रहा है। बता दें कि करीब दो हफ्ते पूर्व हुई बारिश के कारण नगर के कैलाशनगर मोहल्ले में पानी भर गया था। लोगों के घरों में जलजमाव के कारण तीन दिनों तक भोजन की समस्या झेलनी पड़ी। इस बीच बारिश थमी तो पानी निकला। अब, एक बार फिर से हो रही बारिश के कारण संभावना जताई जा रही है कि गंडक के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई तो नगर के कई मोहल्ले जलमग्न होंगे।

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उधर, बगहा दो प्रखंड के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत के कान्ही टोला, बीन टोला, चकदहवा, झंडहवा टोला व ठाढी गांव के लोग भी बारिश के कारण बेचैन हैं। इन पांचों गांवों में गंडक के जलस्तर में आंशिक बढ़ोतरी के बाद लोगों को पलायन करना पड़ता है। प्रशासनिक स्तर पर पीड़ित परिवारों के लिए ऊंचे स्थान चिन्हित किए गए हैं। जहां भोजन और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाती है। शनिवार की सुबह से हो रही बारिश के बीच लोगों ने ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। पांचों गांवों की कुल आबादी पांच हजार है। ये सभी गांव गंडक की पेटी में बसे हुए हैं। बीडीसी गुलाब अंसारी के अनुसार इन गांवों में प्रत्येक वर्ष बाढ़ आती है। पानी के तेज बहाव से बड़े पैमाने पर कटाव जारी है। क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत भी संबंधित विभाग द्वारा नहीं कराया जाता है। जिससे करीब चार माह तक आवागमन की समस्या से जूझना पड़ता है।

तटबंधों की निगरानी जारी, कर्मियों की हुई तैनाती :

संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर सभी तटबंधों पर कर्मियों की पदस्थापना की गई है। अभियंताओं को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। हालांकि अभी पिपरा-पिपरासी तटबंध समेत अन्य सभी तटबंधों की स्थिति सामान्य है। लेकिन, यदि बारिश नहीं थमी तो निश्चित रूप से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होगी, जिसके बाद तटबंधों पर दबाव बढ़ेगा। एहतियात के तौर पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराने के लिए जगह-जगह बालू भरी बोरियों को स्टोर कर दिया गया है। ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके।

घाटों पर तैनात समन्वयक नहीं बजा रहे ड्यूटी :-

अनुमंडल के विभिन्न प्रमुख घाटों पर नदी के रुख के मॉनीटरिंग व नदी में नावों के परिचालन पर रोक के लिए कृषि समन्वयकों की तैनाती की गई है। लेकिन, बगहा दो के विभिन्न घाटों पर समन्वयक ड्यूटी बजाते नजर नहीं आ रहे हैं। इससे सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे। बता दें कि बीते दिनों कैलाशनगर घाट पर एक नाव हादसे में दंपती की डूबने से मौत हो गई थी। समन्वयकों की लापरवाही को लेकर अधिकारियों ने नाराजगी जताई है।

- बारिश से नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना है। अभियंता व कर्मी बांधों की सतत निगरानी कर रहे। यदि कोई कर्मी ड्यूटी से नदारद पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की अनुशंसा होगी।- शेखर आनंद, एसडीएम।


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