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गर्मी से गहराई लो वोल्टेज की समस्या

मुजफ्फरपुर। गर्मी बढ़ते ही उपभोक्ताओं का बिजली के लो वोल्टेज की समस्या सताने लगी है। ब्रेक डाउन, पा

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 05:00 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 05:00 PM (IST)
गर्मी से गहराई लो वोल्टेज की समस्या
गर्मी से गहराई लो वोल्टेज की समस्या

मुजफ्फरपुर। गर्मी बढ़ते ही उपभोक्ताओं का बिजली के लो वोल्टेज की समस्या सताने लगी है। ब्रेक डाउन, पावर कट से तो उपभोक्ता परेशान हैं ही बिजली रहने पर भी लो वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। बिजली के खेल ने लोगों को तबाह कर रखा है। भीषण गर्मी में बिजली कटी हो तो इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। ऊपर से शहर से लेकर गांव तक की बड़ी आबादी सुविधा भोगी होने के कारण पानी के लिए भी बिजली पर ही निर्भर रहने लगी है। ऐसे में बिजली के नहीं रहने या फिर लो वोल्टेज के कारण लोगों के सामने पानी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिले को फिलवक्त ठीक से बिजली मिले इसके लिए 90 से 95 मेगावाट बिजली की जरूरत है। इस हिसाब से बिजली की आपूर्ति भी नहीं हो रही है। इसके अलावा रेलवे, जूट मिल, मोहनपुर औद्योगिक केन्द्र, सदर अस्पाल इमरजेंसी वार्ड, पीएचईडी पंप आदि के लिए छह मेगावाट इमरजेंसी बिजली की जरूरत है। सिर्फ शहर के ठीक से बिजली मिले इसके लिए 40 से 45 मेगावाट बिजली की जरूरत है। शहर में बड़े पैमाने पर बिजली का व्यवसायिक उपयोग भी रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ¨सचाई के लिए भी किसानों को बिजली की जरूरत है। लो वोल्टेज से भी उपभोक्ता परेशान शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए लो वोल्टेज सिर दर्द बना हुआ है। लो वोल्टेज के कारण बिजली उपलब्ध रहते हुए भी लोग उसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। शहरी क्षेत्र में तो लो वोल्टेज के चलते लोगों को पेयजल की समस्या से भी जूझना पड़ता है। एक तो पानी का लेयर वर्षा के बाद भी ठीक नहीं हुआ दूसरी वोल्टेज प्रर्याप्त नहीं मिलने के कारण समरसेबुल व सामान्य वोटर नहीं चल पाता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के ¨सचाई के लिए लगाए गए मोटर भी लो वोल्टेज के कारण नहीं काम रहा है। बड़े पैमाने पर घरेलू कनेक्शन के नाम पर लिए गए बिजली का उपयोग व्यवसायिक रूप में हो रहा है। वहीं टोका फंसाकर भी बिजली जलाए जाते है। व्यवसायिक रूप में भी उपयोग हो रहा है। एसी कुलर बनी शोभा वस्तु

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लोग गर्मी से निजात पाने के लिए अपने घरों में एसी, कुलर और कई तरह बिजली उपकरण लगाए हुए हैं। इन उपकरणों को चलाने के लिए उन्हें पर्याप्त वोल्टेज चाहिए। लेकिन इन दिनों दिन-रात लो वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। जिसके चलते एसी, कुलर आदि का चल पाना मुश्किल है। पंखा चलता भी है तो लो वोल्टेज के कारण उसकी गति बेहद धीमी रहती है। जिससे बहुत कम हवा निकलती है। पंखा चलने के बावजूद लोग पसीने से तरबतर रहते हैं। वितरण का सिस्टम

समस्तीपुर जिले के लिए बिजली मोहनपुर स्थित ग्रिड को मिलती है। यहां से मोहनपुर, जितवारपुर, पूसा, कल्याणपुर, सिरसिया महनार आदि फीडरों को बिजली दी जाती है। ग्रिड में 50-50 मेगावाट के दो पावर ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। वहीं जिले के विभिन्न हिस्सों में बिजली सप्लाई के लिए डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाए गए है। इनमें से सिरसिया फीडर से कर्पूरी ग्राम, कुबौली, मोरवा को बिजली दी जाती है। रेलवे के लिए एक मेगावाट , रामेश्वर जूट मिल के लिए 1.5 मेगावाट तथा मोहनपुर औद्योगिक क्षेत्र को 1.5 मेगावाट इमरजेंसी बिजली दी जाती है।

बिजली के वितरण में ब्रेक डाउन उपभोक्ताओं के लिए सिर दर्द बन गया है। बिजली गुल रहने पर सप्लाई केन्द्र से पूछे जाने पर उपभोक्ताओं को सीधे एक ही जवाब मिलती है ब्रेक डाउन है। सप्लाई के लिए लगाए तार भी लगातर बिजली की सप्लाई होने पर गर्म हो गल कर गिर जाते हैं। इसे ठीक करने के लिए घंटों बिजली ब्रेक डाउन रहती है। बिजली के ट्रांसफार्मरों को प्राय: स्वीच खराब है। कहीं भी गड़बड़ी आने पर पूरे क्षेत्र की बिजली काटकर उसके बाद उसे ठीक किया जाता है। सप्लाई केन्द्र से लेकर हर जगह ब्रेकर, पैनल आदि खराब होने से भी परेशानी होती है।


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