Navaruna Massacre : डेडलाइन बढ़ाए जाने की CBI की अर्जी पर Supreme Court में सुनवाई आज
Navaruna Massacre की कानूनी लड़ाई लड़ रहे अभिषेक रंजन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई। को आठवीं डेडलाइन पूरी होने के बाद सीबीआइ ने नई डेडलाइन के लिए दाखिल की अर्जी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवरुणा मामले की जांच पूरी करने को लेकर डेडलाइन बढ़ाने की सीबीआइ की अर्जी पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। सीबीआइ नौवीं बार डेडलाइन बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से सीबीआइ को मिली आठवीं डेडलाइन 21 नवंबर को पूरी हो गई थी। इसके साथ इस मामले की न्यायिक लड़ाई लडऩे वाले दिल्ली विवि के कानून के छात्र अभिषेक रंजन की उस अर्जी पर भी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी जिसमें उसने सम्मान व सुरक्षा दिलाने की प्रार्थना की है। इससे पहले उन्होंने इस संबंध में सीबीआइ को भी अर्जी दी थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सीबीआइ ने यह दी दलील
सीबीआइ ने छह माह की नई डेडलाइन देने के समर्थन में दाखिल अर्जी में कहा है कि नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष व इस मामले की जांच करने वाले जितेंद्र प्रसाद की गुजरात के गांधीनगर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में ब्रेन मैपिंग कराई गई। इसमें नवरुणा के अपहरण व हत्या में उसकी संलिप्तता के साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन इस मामले में वरीय अधिकारियों के कदाचार से संबंधित कुछ जानकारी उसके पास है। इसकी जांच की जा रही है।
मामले में सुराग देने वालों के लिए पिछले दिनों सीबीआइ ने दस लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। इसके फलदायक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसका सत्यापन कराया जा रहा है। 26 नवंबर 2012 को नवरुणा के घर के सामने नाला से मिली हड्डियों व कपड़े की दोबारा जांच कराई जा रही है। इसे जांच के लिए मध्यप्रदेश के सागर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भेजा गया है। इसकी बायोलॉजिकल व साइंसटीफिक जांच से मिले परिणामों को अपराधियों का पता लगाने के सूत्र से जोड़ा जा सकता है। हालांकि इसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर जांच को नई दिशा मिल सकती है। इस दौरान मिले परिस्थिति जन्य साक्ष्यों की भी जांच कराई जा रही है। इस आधार पर 20 संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
यह है मामला
18 सितंबर 2012 की रात नगर थाने के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। 26 नवंबर 2012 को उसके घर के निकट नाला से मानव कंकाल मिला। बाद में डीएनए टेस्ट में यह नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में इसकी जांच पुलिस व बाद में सीआइडी ने की। नतीजा सिफर रहने पर सरकार ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी। फरवरी 2014 से सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही है।