Move to Jagran APP

मोतिहारी में बच्चों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, कोरोना से लेकर जेई-एईएस निपटने की तैयारी

पीकू वार्ड से लेकर एसएनसीयू तक की व्यवस्था को किया जा रहा अपडेट आवश्यकतानुसार सदर अस्पताल में 35-40 बेड की अतिरिक्त व्यवस्था संभव जेई-एईएस को लेकर पीएचसी एवं अनुमंडलीय अस्पतालों में भी है तैयारी कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए गाइडलाइन का पालन जरूरी है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 03:27 PM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 03:27 PM (IST)
मोतिहारी में बच्चों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क, कोरोना से लेकर जेई-एईएस निपटने की तैयारी
सदर अस्पताल का पेडिएट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट। जागरण

पूर्वी चंपारण, जासं। कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण के असर की संभावनाओं के साथ-साथ जेई-एईएस को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। अगर ऐसी कोई स्थिति बनती है तो क्या जिले में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सीय संस्थानों में इलाज के मुकम्मल इंतजाम हैं, इस पर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। विभागीय स्तर पर समीक्षा की भी की जा रही है। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक भी इस मुद्दे पर गंभीर हैं और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ तैयारी की समीक्षा कर रहे हैं। फिलहाल सदर अस्पताल में दस बेड का पेडिएट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) सक्रिय है। उस वार्ड में चार और अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं। वार्ड में पांच वेंटिलेटर वाले बेड हैं। जबकि सभी बेड ऑक्सीजन पाइप लाइन से जुड़े हैं।

loksabha election banner

वार्ड में अन्य कई तरह के आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधक विजयचंद्र झा बताते हैं कि विपरित परिस्थितियों में इस अस्पताल में पीकू वार्ड के आसपास के अन्य वार्ड को भी बच्चों के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। करीब 35 से 40 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था संभव है। दूसरी ओर अस्पताल परिसर में सिक न्यू बौर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) भी सक्रिय है। यहां पर 14 रेडिएंट वार्मर युक्त बेड हैं। सदर अस्पताल में चार शिशु रोग विशेषज्ञ अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पारा मेडिकल स्टाफ एवं जीएनएम (नर्स) भी पर्याप्त संख्या में तैनात हैं। हालांकि जिले के लिए और वेंटिलेटर की मांग शासन से की गई है।

 अलर्ट मोड में रहने का डीएम का निर्देश

 बच्चों को लेकर भी डीएम ने काफी गंभीरता दिखाई है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में जेई-एईएस पर भी नजर है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए डीएम ने स्वास्थ्य कर्मियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। इसके लिए उन्होंने जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर तक की व्यवस्था की पड़ताल की है। तैयारी की लगातार समीक्षा की जा रही है। यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी स्तर पर काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर कहीं कोई कमी है तो उसकी तैयारी समय रहते कर लें। बाद में कोई दलील नहीं सुनी जाएगी। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. अखिलेश्वर प्रसाद ङ्क्षसह ने बताया कि बच्चों को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। जेई-एईएस को लेकर भी तैयारी है। सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक विशेष तैयारी की गई है। संबंधित दवाएं भी उपलब्ध हैं।

यहां बता दें कि अब तक जिले में एईएस से दो बच्चों के प्रभवित होने की सूचना है। हालांकि दोनों बच्चे एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में इलाज के लिए भर्ती हुए थे। उनमें से एक राजेपुर के हनुमाननगर के ढाई वर्षीय आर्यन को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया है। जबकि पताही के एक बच्चे की मृत्यू हुई है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.