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west champaran news : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मेहमान गैंडों के लिए विकसित होगा अधिवास क्षेत्र

नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से हर साल वीटीआर आते हैं गैंडे गोबद्र्धना वन क्षेत्र के कक्षा 13 को किया गया चिन्हित पर्याप्त संसाधन मौजूद अधिवास क्षेत्र विकसित करने के लिए 12 ब‍िंदुओं का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

By DharmendraEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 02:41 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 05:10 PM (IST)
west champaran news : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मेहमान गैंडों के लिए विकसित होगा अधिवास क्षेत्र
बाहर से आए दो गैंडे इस समय वीटीआर में हैं।

 पश्चिम चंपारण, [ विभोर कुमार ]   वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) में गैंडे नहीं पाए जाते। लेकिन, यहां की आबोहवा उनके अनुकूल है। यही कारण है कि पड़ोसी देश नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से गैंडे अक्सर यहां आ जाते हैं। हर साल बरसात में जब गंडक नदी उफान पर होती है तो वहां से बहकर भी भारतीय सीमा में गैंडे आ जाते हैं। ऐसे ही दो गैंडे इस समय वीटीआर में हैं। इनके लिए वन विभाग गोबद्र्धना वन क्षेत्र में अधिवास क्षेत्र विकसित करेगा। ताकि टाइगर के साथ गैंडे भी वीटीआर की पहचान बन सकें। अधिवास क्षेत्र विकसित करने के लिए 12 ङ्क्षबदुओं का एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।

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हाल में ही मुख्य वन संरक्षक हेमकांत राय के नेतृत्व में अधिकारियों ने वनवर्ती इलाकों का दौरा किया व यहां की जलवायु, मिट्टी, तालाब आदि की गहनता से जांच पड़ताल की। टीम में वन प्रमंडल एक के डीएफओ अंबरीश कुमार मल्ल, वन प्रमंडल तीन के डीएफओ संजीव रंजन, गोबद्र्धना वन के प्रभारी रेंज आफिसर रहीमुद्दीन अहमद आदि शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार गोबद्र्धना वन क्षेत्र का कक्ष संख्या 13 अधिवास क्षेत्र के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया। इस कक्ष में पहले से ग्रास लैंड विकसित है। यहां एक दलदली तालाब है जो गैंडों को काफी रास आएगा।

इस क्षेत्र की मिट्टी भी काफी मुलायम है। जो गैंडों को काफी रास आती है। अधिकारियों ने सभी ङ्क्षबदुओं की चर्चा करते हुए विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा है। जैसे ही उसकी विभागीय तौर पर मंजूरी मिल जाएगी, अधिवास क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में काम शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते एक दशक में दर्जन भर गैंडों का रेस्क्यू कर नेपाली वन अधिकारियों को सौंपा जा चुका है। यहां चार गैंडों की मौत भी हो चुकी है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक हेमकांत राय कहना है कि गोबद्र्धना जंगल के कक्ष संख्या 13 को मेहमान गैंडों के अधिवास क्षेत्र में विकसित करने के लिए चयनित किया गया है। यहां सभी पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।


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