प्रायोगिक परीक्षा में कोरोना संक्रमण के लिए जारी गाइडलाइन का नहीं हो रहा पालन
मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था विद्यालय में विभाग की तरफ से उपलब्ध कराई गई है। जब इसकी पड़ताल मंगलवार को नगर के उच्च विद्यालय हरिनगर में की गई तो इसमें प्रायोगिक परीक्षा चल रही थी। पर अधिकांश विद्यार्थी मास्क के जगह रूमाल व मफलर से ही काम चला लिए थे।
पश्चिम चंपारण, जासं। कोरोना को लेकर सरकारी गाइडलाइन पर वर्ग नौ से लेकर 12 वीं तक की पढ़ाई विद्यालयों में आरंभ कर दी गई है। पर, इसके लिए मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था विद्यालय में विभाग की तरफ से उपलब्ध कराई गई है। जब इसकी पड़ताल मंगलवार को नगर के उच्च विद्यालय हरिनगर में की गई तो, इसमें प्रायोगिक परीक्षा चल रही थी। जिसमें साइंस के परीक्षार्थियों से भौतिक विज्ञान की परीक्षा ली जा रही थी। पर, अधिकांश विद्यार्थी मास्क के जगह रूमाल व मफलर से ही काम चला लिए थे। जबकि कुछ परीक्षार्थी बिना मास्क के हीं नजर आए। हालांकि इनके बीच शारीरिक दूरी दिखाई दी।
परीक्षा ले रहे शिक्षक मनीष तिवारी ने बताया कि परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र में साफ लिखा हुआ है कि मास्क लगाकर विद्यालय पहुंचे। पर, बहुत ही कम बच्चे लगाकर आए थे। समय कम था। परीक्षा की बात है। इसलिए मफलर व रूमाल की इजाजत दे दी गई है। इधर विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमन राव ने बताया कि साइंस विषय की प्रायोगिक परीक्षा चल रही है। जिसके कारण नौवीं व दसवीं वर्ग का पठन-पाठन स्थगित है। रेगुलर विद्यालय के छात्रों के लिए मास्क व सैनिटाइजर विभाग के तरफ से उपलब्ध कराया गया है। जो इनके बीच वितरित किया गया है। जबकि 12 वीं वर्ग के परीक्षार्थियों को मास्क खुद लगाकर आना है। बता दें कि विद्यालय में कुल 91 साइंस के छात्र हैं। जिनको इस वर्ष परीक्षा देनी है। जबकि मंगलवार को परीक्षा में इस विषय के 89 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। वहीं कला में 247 व वाणिज्य में परीक्षार्थियों की संख्या 52 है।
कोचिंंग संस्थानों में हो रहा कोरोना से बचाव के उपाय
इधर नगर के राज कंपाउंड संचालित मिश्रा कोङ्क्षचग की पड़ताल की गई तो, इसमें बच्चे कम पाए गए। साथ ही बच्चों के पास मास्क भी मिला। वहीं टेबल पर सैनिटाइजर रखा हुआ पाया गया। संचालक शिक्षक संदीप मिश्रा ने बताया कि कोरोना के कारण अभी पढऩे वाले बच्चों की संख्या कम हीं है। इसलिए शारीरिक दूरी का अनुपालन हो जाता है। वहीं सभी बच्चों को मास्क में आने की हिदायत पहले से दी गई है। वैकल्पिक तौर पर भी कोङ्क्षचग में मास्क व सैनिटाइजर को रखा जाता है। छात्र या छात्रा जल्दीबाजी में घर से बिना मास्क के चले आते हैं तो, उनको मास्क संस्थान के तरफ से दिया जाता है।