cyber crime का बढ़ रहा ग्राफ, रोजाना दो लोग हो रहे शिकार, जानिए कंट्रोल करने के क्या उपाय हो रहे
cyber crime साइबर फ्रॉड गिरोह के दो दर्जन शातिर जिले में सक्रिय। प्राथमिकी से आगे नहीं होती पुलिस की कार्रवाई।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में साइबर क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ रह रहा है। रोजाना कम से कम दो लोगों को साइबर फ्रॉड शिकार बना रहे हैं। लेकिन, इन शातिरों की गिरफ्तारी तो दूर पहचान तक नहीं हो पता पाती है। वर्तमान में दो दर्जन ऐसे शातिर हैं, जो साइबर फ्रॉड गिरोह से जुड़े हुए हैं। ये शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों तक के लोगों को शिकार बनाते हैं। पुलिस की कार्रवाई प्राथमिकी दर्ज करने से आगे नहीं बढ़ती है। आरोपितों को अज्ञात बताकर केस की फाइल बंद कर दी जाएगी। ऐसे सैंकड़ों मामले हैं, जिनमें पीडि़तों को न तो पैसा वापस मिला और न आरोपितों की गिरफ्तारी हुई। वे खुद को ठगा महसूस करते रहे गए। पुलिस थाना का चक्कर काटने का झंझट हुआ वो अलग।
एटीएम के बाहर रेकी कर करते टारगेट
एटीएम के बाहर गिरोह के दो शातिर रेकी करते हैं। महिला, बुजुर्ग और कम पढ़े-लिखे लोगों को टारगेट करते हैं। कभी मदद करने के बहाने तो कभी डेबिट कार्ड बदलकर ये खाता से राशि उड़ा लेते हैं, या फिर चुपके से मोबाइल नंबर पता कर उस पर बैंककर्मी बनकर कॉल करते हैं। फिर खाता और डेबिट कार्ड संबंधित गोपनीय जानकारी लेते हैं।
छात्रा समेत दो के खाता से 60 हजार उड़ाए
साइबर फ्रॉड गिरोह के बदमाशों न छात्रा समेत दो के खाता से 60 हजार रुपये उड़ा लिए। नगर थाना में पीडि़तों ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। बालूघाट की छात्रा अनुराधा ने बताया कि तीन बार में उनके खाता से 20 हजार की निकासी कर ली गई। वहीं सरैया के राजेश कुमार ने 40 हजार निकासी की प्राथमिकी दर्ज कराई है।