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मुजफ्फरपुर में शौच करने निकली अधेड़ महिला के साथ तीन लोगों ने किया घिनौना काम, शिकायत करने पर जान से मारने की दी धमकी

Muzaffarpur Crime News मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव की घटना। 55 वर्षीय महिला से सामूहिक रूप से घिनौना काम का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में थानाध्यक्ष विनोद दास ने कुछ भी बताने से इन्कार किया।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 10:55 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में शौच करने निकली अधेड़ महिला के साथ तीन लोगों ने किया घिनौना काम, शिकायत करने पर जान से मारने की दी धमकी
हथौड़ी में अधेड़ महिला से सामूहिक दुष्कर्म

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले के हथौड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव में 55 वर्षीय महिला से सामूहिक रूप से घिनौना काम किए जाने का मामला सामने आया है। घटना 15 अक्टूबर की शाम की बताई गई है। पीडि़ता ने इसकी शिकायत थाने में की है। थाने को सौंपे अपने आवेदन में पीडि़ता ने बताया कि गुरुवार की रात वह घर से  शौच के लिए बाहर निकली। अभी थोड़ी दूर की गई थी कि पहले से घात लगाकर बैठे तीन लोग अचानक सामने आ गए। वह कुछ भी समझ पाती, तब तक तीनों ने एक साथ धावा बोला। किसी ने ने मुंह बंद किया तो कोई हाथ- पैर पकड़ लिया। इसके बाद उसे जबरन सुनसान स्थान पर ले गए। जहां बारी-बारी से उनलोगों ने उसके साथ गलत काम किया। उसे जख्मी हालत में छोड़ फरार हो गए। जाने के दौरान तीन बदमाशों ने इस घटना की किसी से भी शिकायत नहीं करने के लिए कहा। यदि वह ऐसा नहीं करती है तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई।

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उनलोगों के वहां से चले जाने के बाद पीड़िता किसी तरह वहां से घर आकर इसकी जानकारी स्वजनों को दी। पीडि़ता के साथ स्वजन जब आरोपितों के यहां शिकायत करने गए तो उनलोगों ने मारपीट कर सभी को भगा दिया। इस संबंध में जब थानाध्यक्ष विनोद दास से बात की गई तो कुछ भी बताने से उन्होंने इन्कार किया। वहीं, पीडि़ता से महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने बात की तो कहा गया, मामला मारपीट का है। वहीं आवेदन की जांच करने गईं महिला पदाधिकारी ने भी जमीन विवाद की पुष्टि की। खबर लिखे जाने तक जांच जारी है। पीडि़ता पुलिस कस्टडी में है। यह विडंबना ही है कि चुनाव में एक ओर महिलाओं को उनका अधिकारी दिलाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन दूसरी ओर घिनौना काम की शिकार महिला की शिकायत पर अभी तक प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई है। जबकि नियमानुसार इस तरह की शिकायत मिलने पर थानाध्यक्ष को बिना किसी जांच के मामला दर्ज करने का अधिकार है। 


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