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खुदीराम बोस की शहादत भूमि की माटी से जन्मभूमि पर हरियाली, लगाए गए पांच हजार पौधे Muzaffarpur News

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के युवाओं की टोली की पहल रंग लाई। शहादत भूमि मुजफ्फरपुर से माटी व पानी लेकर गए और लगा दिए पांच हजार पौधे। पढ़ें पूरी खबर..

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 07:43 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 07:43 PM (IST)
खुदीराम बोस की शहादत भूमि की माटी से जन्मभूमि पर हरियाली, लगाए गए पांच हजार पौधे Muzaffarpur News
खुदीराम बोस की शहादत भूमि की माटी से जन्मभूमि पर हरियाली, लगाए गए पांच हजार पौधे Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर [अमरेंद्र तिवारी]। एक वह दौर यानी अंग्रेज राज। पूरे देश में उबाल था। उस समय बंगाल से आकर खुदीराम बोस से अंग्रेज जज पर बम से प्रहार किया था। आजादी के 70 साल बाद एक बार फिर पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति का दौर है। पर्यावरण प्रदूषण रोकने में पेड़ सहायक होते हैं। इसी संकल्प के साथ पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के युवाओं की टोली शहादत दिवस पर खुदीराम से जुड़े स्थल यानी जेल, चिताभूमि व बैनी से मिट्टी और बूढ़ी गंडक से पानी लेकर गई तथा पौधारोपण अभियान चला रही है। 

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15 अगस्त से शुरू किया अभियान, पांच हजार लग गए पौधे 

खुदीराम की जन्मभूमि से जुड़ी मिदनापुर डॉट इन संस्था के  अरविंदम भौमिक अभियान चला रहे हैं। भौमिक कहते हैं कि जब वह मिट्टी व पानी लेकर पहुंचे तब इस जिले में आम लोगों को जानकारी मिली कि बिहार में खुदीराम बोस को कितना सम्मान मिलता है। सरकार की ओर से गार्ड ऑफ ऑर्नर दिया जाता है। 

इस तरह चला अभियान 

- पुराने मिदनपुरा जिले से तीन जिले पूर्व मिदनापुर, पश्चिम मिदनापुर और झारग्राम में स्कूलों में जाकर पर्यावरण जागरूकता व अमर शहीद के योगदान की चर्चा कराई गई।  

- यहां से लेकर गए पांच किलो मिट्टी को मिला दिया गया तथा ड्रम में पानी भर यहां का पानी मिला दिया गया।

- अभियान की शुरुआत 15 अगस्त को पश्चिम मिदनापुर जिला पदाधिकारी डॉ. रेश्मी कमल ने की। उसके बाद इसने गति पकड़ी। विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य से बातचीत कर वहांं खुद गए तथा विद्यालय परिवार के साथ सामूहिक पौधारोपण हुआ।

- सकरा से सोहन लाल आजाद साइकिल से चलकर वहां पहुंचे हैं। वे जयंती समारोह में शामिल होंगे। 

अभियान में भौमिक के साथ कौशिक, कृष्णा, झरना, खुदीराम का पोता सुब्रतो राय, दीपांकर घोष मुख्य रूप से शामिल हैं। 

ये होगा आयोजन 

खुदीराम बोस के जन्मदिन पर पूजा होगी। उनकी मामी ने जिस मंदिर में मन्नत मांगी थी। सिद्धश्वरी काली माता मंदिर में पूजा-अर्चना होगी। चंदन वंदन, 131 मोमबत्ती जलाएंगे, क्योंकि ये उनकी 131वीं जयंती है। आरती होगी। उनके योगदान पर चर्चा होगी। 

जिले में ये होगा आयोजन

- अमर शहीद खुदीराम बोस चिताभूमि बचाओ अभियान समिति के संयोजक शशि रंजन उर्फ पिंकू शुक्ला ने बताया कि सुबह में आसपास स्वच्छता जागरूकता अभियान चलेगा। 24 घंटे तक अखंड ज्योति जलेगी। 

- जयंती को यादगार बनाने के लिए महेंद्र महतो, रंजीत कुमार, सुनील कुमार, विक्की वर्मा, प्रमोद महतो, सुजीत राम आदि मुस्तैद हैं।  

पीपल की ओट से किया था प्रहार 

महान स्वतंत्रता सेनानी अपने जीवन के 99 साल पूरे कर चुके रामसंजीवन ठाकुर बताते हैं कि खुदीराम बोस न्यायालय के मुख्य प्रवेश द्वार के पास एक पीपल के पेड़ पर थे। उसी पर चढ़कर बम से जज पर प्रहार किया। अभी वहां फुटपाथ पर महिलाएं सब्जी व फल बेचती हैं। सामने बाजार में टायर मरम्मत का काम होता है। उसके कुछ दूरी पर ही उनके नाम पर स्मारक व खेल मैदान है। पुरानी यादें ताजा करते हुए ठाकुर ने कहा कि एक समय स्टेशन के पास मुजफ्फरपुर में ठहरने का एकमात्र पड़ाव था धर्मशाला। वहां पर बाहर से आने वाले ठहरते थे। आजादी के बाद धर्मशाला का वजूद खत्म हो गया। लेकिन, इतना है कि चौक का नाम धर्मशाला चौक है। 

अचानक आवाज निकली और पकड़े गए खुदीराम

 जब खुदीराम बम चलाकर भाग रहे थे तो बैनी वर्तमान पूसा रोड स्टेशन पर खुदीराम बोस व प्रफ्फुल चाकी पानी पीने के लिए रुके। वहां रेडियो पर समाचार आ रहा था। सूचना मिली कि किंग फोर्ड बच गया। खुदीराम के मुंह से निकल पड़ा अरे बच गया। इतना सुनने के बाद वहां तैनात रेलवे के कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दी और खुदीराम बोस पकड़े गए।


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