कीचन गार्डन में करें हरी सब्जियों का उत्पादन
क्या आप यह जानते हैं कि घर के आस-पास खाली भूखंड पर भी जरूरत के अनुसार सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इस भूखंड को कीचन गार्डन का रूप दिया जा सकता है।
मुजफ्फरपुर। क्या आप यह जानते हैं कि घर के आस-पास खाली भूखंड पर भी जरूरत के अनुसार सब्जियां उगाई जा सकती हैं। इस भूखंड को कीचन गार्डन का रूप दिया जा सकता है। इस में आप अपनी मनपसंद की सब्जियों का उत्पादन कर सकते हैं। इतना ही नहीं कीचन गार्डन में उत्पादित सब्जियों के लिए आपको अधिक मेहनत करने की जरूरत भी नहीं है।
कीचन गार्डन में उगाये मनपसंद सब्जियां
पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा प्रखंड के ढ़ोलबजवा लक्ष्मीपुर पंचायत स्थित आदिवासी बहुल हथुअनवा गांव में किसान चौपाल को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें नाबार्ड के परियोजना प्रबंधक माधेश्वर पांडेय ने कही। श्रीपांडेय ने कहा कि बड़े शहरों की तर्ज पर गांवों में भी उपयोग के अनुसार कीचन गार्डन में सब्जी उगाई जा सकती है। आलू, मटर, मसूर, टमाटर, गोभी, मिर्च आदि का उत्पादन आसानी से कीचन गार्डन में हो सकता है। उन्होंने रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से होने वाली हानि पर चर्चा करते हुए कहा कि मृदा की उत्पादन क्षमता को प्रभावित करने का सबसे बड़ा कारक रासायनिक उर्वरकों का धड़ल्ले से प्रयोग है। इसलिए किसान आधुनिक कृषि तकनीकी अपनाते हुए जैविक खाद, जीवा अमृत आदि का प्रयोग करें। हरी सब्जियों के छिलके का भी इस्तेमाल भी खाद के रूप में कर सकते हैं। चौपाल में शामिल किसानों को कीचन गार्डन में सब्जी उत्पादन की जानकारी भी दी गई। कार्यक्रम का आयोजन सेवा केंद्र बेतिया व कारीतास इंडिया दिल्ली के सौजन्य से किया गया। मौके पर निदेशक फादर हेनरी फर्नांडो, अमित विक्टर, सिस्टर टेरेसा, विकास कुमार, नेपाली महतो, धर्मवीर उरांव, यदुनाथ राम, मुन्ना राम, सुरेंद्र राम, लालदेव उरांव, विश्वनाथ उरांव समेत दर्जनों अन्य प्रगतिशील किसान मौजूद थे।