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बजरी खिला बहनों ने भाई को दिया बज्र बनने का आशीष

भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भाई दूज मंगलवार को बड़े ही हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 02:01 AM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 06:34 AM (IST)
बजरी खिला बहनों ने भाई को दिया बज्र बनने का आशीष
बजरी खिला बहनों ने भाई को दिया बज्र बनने का आशीष

मुजफ्फरपुर। भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक भाई दूज मंगलवार को बड़े ही हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों के स्वस्थ व दीर्घायु होने की मंगलकामना करते हुए रोली-अक्षत से तिलक लगाया। उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष दी। भाइयों ने अपनी बहन को उपहार या दक्षिणा भी दिए। इसके पूर्व बहनों ने पीढ़ी पर चावल के घोल से चौका लगाया। फिर उस पर भाई को बैठाकर उसके हाथों की पूजा की। भाई ने भी अपने प्रेम व स्नेह को प्रकट करते हुए बहन को आशीर्वाद और उपहार वगैरह दिए। फिर बहनों ने भाई को अपने हाथों से भोजन कराया। इस संबंध में हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पं.रवि झा ने बताया कि यह त्योहार भाई-बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है। इसमें मूलत: बहन के घर भोजन करने का विशेष महत्व है। यदि बहन अपने हाथों से भाई को खिलाए तो भाई की उम्र बढ़ती है और जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं। यदि किसी की बहन न हो तो गाय, नदी आदि ध्यान कर अथवा उसके समीप बैठकर भोजन कर लेना ही शुभ माना जाता है। बहनों ने भाई के लिए कूटा गोधन

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बहनों ने गोधन कूटते हुए भाई के दीर्घायु की कामना की। पूजा को लेकर हर गली मोहल्ले में गोबर की मानव सदृश आकृति बनाई गई थी। उसके बीच ईट रखे गए थे। शुभ मुहूर्त में बहनों ने गोधन कूटा। सुबह से ही जगह-जगह गोधन के गीत गूंजने लगे थे। बहनों ने गोबर की बनी मानव सदृश आकृति की छाती पर ईट रखकर मूसल चलाया। जीभ में कांटे भी चुभोए। पूजा के बाद घर लौटने पर भाई को बजरी खिलाई।


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