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मुजफ्फरपुर के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर तो है पर टीचर नहीं

शिक्षा अधिकारियों द्वारा एक कमरे को काफी दिनों से कब्जा कर रखा है। दूसरे कमरे में नियोजन का कार्य चलता है। शिक्षा विभाग के पास कार्यालय नहीं है जिसमें नियोजन का कार्य हो सके। इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी घोर कमी हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 08:32 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 08:32 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर तो है पर टीचर नहीं
विद्या विहार स्कूल में मात्र नौवीं और दसवीं की होती पढ़ाई। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। कैसे स्कील्ड होंगे छात्र-छात्राएं जब विद्यालय में कंप्यूटर है पर टीचर नहीं। विद्यार्थी कितने घंटे अध्ययन करते हैं और कितना ज्ञान अर्जित करते हैं यह अलग बात है लेकिन हाईस्कूल नाम हो और दो ही कक्षा चले, यह हैरतअंगेज है। हम बात कर रहे हैं विद्या विहार स्कूल की। यह विद्यालय आरडीडीई कार्यालय के पश्चिम बगल में है। यह हाईस्कूल सिर्फ दो कक्षाओं की है। यहां चार कमरों नौवीं और दसवीं कक्षाओं का संचालन होता है। शहर के बीचोबीच होने से यहां छात्रों की संख्या अधिक रहती है। करीब 500 विद्यार्थी वहां नामांकित हैं। शिक्षा अधिकारियों द्वारा एक कमरे को काफी दिनों से कब्जा कर रखा है। दूसरे कमरे में नियोजन का कार्य चलता है। शिक्षा विभाग के पास कार्यालय नहीं है जिसमें नियोजन का कार्य हो सके। इन दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी घोर कमी हैं। कमरे कब्जे के कारण विद्यार्थी के बीच कोविड अनुरूप का पालन नहीं कराया जा रहा। चार कमरे अद्र्धनिर्मित हैं। 

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विद्यालय में नौवीं एवं दसवीं के बच्चों के पढऩे के लिए एक दर्जन से कंप्यूटर लगाए गए हैं। लेकिन कंप्यूटर शिक्षक नहीं होने के कारण कंप्यूटर रूम हमेशा बंद रहता है। काफी दिनों तक कंप्यूटर पड़े रहने से खराब भी हो सकता है। डीईओ, डीपीओ सहित अन्य शिक्षा अधिकारी, शिक्षा विभाग के विजिलेंस अधिकारियों का आना-जाना रहता है। लेकिन उनको इन सब कमियों पर किसी का ध्यान नहीं। उक्त विद्यालय में न शारीरिक शिक्षक और न प्ले ग्राउंड है। विद्या विहार हाईस्कूल के प्रभारी हेडमास्टर संजय कुमार ने कहा कि कंप्यूटर शिक्षक की मांग की गई है। मिलने के बाद पढ़ाई चालू कर दिया जाएगा। शिक्षकों की कमी के संबंध में भी अधिकारियों को लिखित जानकारी दी गई है।

अहियापुर के राम प्रवेश ठाकुर ने कहा कि अंग्रेजी शिक्षण में अनुवाद पूरे वर्ष पढ़ाना जाना चाहिए और सौ अंकों क परीक्षा होनी चाहिए। स्कूल समय के दौरान कोङ्क्षचग क्लास की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अहियापुर चाणक्यपुरी स्कूल से अयोग्य शिक्षक को हटाने की मांग। मुशहरी के नीरज कुमार का मानना है कि प्राथमिक विद्यालय आलमपुर सिमरी और प्राथमिक विद्यालय रोहुआ मुसहरी में शिक्षकों की संख्या अधिक है। कक्षा 9 के कई विद्यार्थियों को पहाड़ा तक का ज्ञान नही। सुधारने के लिए सरकार को सभी विद्यालय का निरीक्षण कर सही कदम उठाना चाहिए। 


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