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पीएचईडी मंत्री ने कहा: बिहार बनेगा दूसरी हरित क्रांति का वाहक, जैविक कृषि पर सरकार दे रही ध्यान

तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय किसान सम्मेलन सह मेगा एक्सपो का शुभारंभ, जैविक तरीके से खेती करने को किसानों को प्रोत्साहित करने का हो रहा काम।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 04:39 PM (IST)
पीएचईडी मंत्री ने कहा: बिहार बनेगा दूसरी हरित क्रांति का वाहक, जैविक  कृषि पर सरकार दे रही ध्यान
पीएचईडी मंत्री ने कहा: बिहार बनेगा दूसरी हरित क्रांति का वाहक, जैविक कृषि पर सरकार दे रही ध्यान

मधुबनी, जेएनएन। सूबे के पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि बिहार दूसरी हरित क्रांति का वाहक बनेगा। हरित क्रांति का वाहक बनने की यहां संभावना सबसे प्रबल है। वे रविवार को स्थानीय वाटसन हाई स्कूल के मैदान में एसके चौधरी एडुकेशनल ट्रस्ट सह कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा के तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास सम्मेलन सह मेगा कृषि एक्सपो 2019 को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ पीएचईडी मंत्री व अन्य ने दीप प्रज्जवलन कर किया।

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   मंत्री श्री झा ने कहा कि कहा कि आज रसायनिक उर्वरक व रासायनिक कीटनाशी के प्रयोग से पंजाब, हरियाणा सहित अन्य राज्यों में खेतों की स्थिति बदतर है। यहां की सरकार जैविक कृषि पर सर्वाधिक ध्यान दे रही है। जैविक तरीके से खेती करने को किसानों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। हमारा मानना है कि दूसरी हरित क्रांति का वाहक बिहार ही बनेगा। कहा कि जिस तरह से देश में आबादी में वृद्धि हो रही है और जोत भूमि का क्षेत्र संकुचित हो रहा है उसमें खेती करना चुनौतियों से भरा हो गया है।

   आजादी के बाद हम अनाज के लिए अमेरिका पर निर्भर थे। वैसी स्थिति नहीं है। खाद्यान्न उत्पादन में हम आज आत्मनिर्भर हो चुके हैं। स्थिति यह है कि इसे रखने के लिए गोदाम कम पड़ गए हैं, लेकिन चुनौती बहुत है। जोत भूमि कम होने के कारण कम भूमि में बेहतर पैदावार चुनौतियों से भरा है। कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा के प्रयास की सराहना की और मधुबनी जैसे छोटे जिला में अंतर्राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन करने को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यहां आयोजित इस सम्मेलन से पूरे देश में किसानों के लिए बेहतर संदेश जाएगा।

    आज सारा देश बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश की ओर देख रहा है। हमारे यहां कृषि की बेहतर संभावनाएं मौजूद है। यहां के खेतों की उर्वरा शक्ति बेहतर है। जिसे आधुनिक कृषि से जोड़ कर बेहतर उत्पादन कर सकते हैं। इस दौरान मंत्री का स्वागत ट्रस्ट के अध्यक्ष ने पाग, दोपटा व माला से किया।

    मौके पर अफगानिस्तान के भारत में राजदूत जिआउल्लाह, राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के कुलपति डॉ. प्रफूल्ल चंद्र, मिथिला विश्व विद्यालय के कुलपित डॉ. एसके स‍िंह, नियाम भारत सरकार के महानिदेशक डॉ. वी चंद्रशेखर, सांसद पद्मभूषण हुक्मदेव नारायण यादव, विधायक समीर महासेठ, फैयाज अहमद, डीएम शीर्षक कपिल अशाोक, एसपी दीपक बरनवाल, जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार, एसके चौधरी एडुकेशनल ट्रस्ट सह कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. संत कुमार चौधरी सहित अन्य उपस्थित थे।


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