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गुरहन की विदाई को आगे आई सरकार, जांच को बनी टीम Muzaffarpur News

कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने लिया संज्ञान संयुक्त कृषि निदेशक के नेतृत्व में जांच करेगी टीम। सांसद बोले -वृहद खर-पतवार नाशक अभियान चलाया जाएगा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 03:11 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 03:11 PM (IST)
गुरहन की विदाई को आगे आई सरकार, जांच को बनी टीम Muzaffarpur News
गुरहन की विदाई को आगे आई सरकार, जांच को बनी टीम Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। औराई व कटरा इलाके से गुरहन घास की विदाई होगी। साथ ही किसानों की बर्बाद जमीन को खेती योग्य बनाने के लिए सर्वे कराया जाएगा। दैनिक जागरण में 'जहां लहलहाती थी फसल अब वहां पर घास के जंगल' शीर्षक से 30 अक्टूबर के अंक में छपी खबर पर कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने संज्ञान लिया है।

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मंत्री ने संयुक्त कृषि निदेशक को टीम बनाकर जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही भूमि सुधार के लिए क्या उपाय होने चाहिए इसकी रिपोर्ट मांगी है। मंत्री ने किसानों की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित करने के लिए दैनिक जागरण की सराहना की। कहा कि वे खुद मौके पर जाकर इस समस्या को देखेंगे। विशेषज्ञ व किसानों से बातचीत के आधार पर सरकार ठोस कदम उठाएगी।

इधर सांसद अजय निषाद ने कहा कि गुरहन घास इस इलाके के किसानों की बड़ी समस्या है। वे कृषि मंत्री से पहल करेंगे कि वृहद खर-पतवार नाशक अभियान चलाया जाए। डॉ.राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय की टीम भी रिसर्च में सहयोग करे यह भी पहल होगी।

इस तरह हुआ घास का फैलाव

वर्ष 2007 में आई बाढ़ से बचाव के लिए बांध बनना शुरू हुआ। इसके बाद मिट्टी में विदेशी घास जिसे किसान गुरहन घास कहते हैं। यह कुछ प्लॉट में फैला। जब गर्मी में गुरहन में फूल और उसके बाद बीज आया तो तेज हवा में जिस दिशा में फूल के साथ पक्का फल गया। वहां पर फिर से गुरहन उपजना शुरू हुआ। एक कठ्ठा जमीन से शुरू घास आज करीब 19 किलोमीटर यानी पांच हजार हेक्टेयर रकबा में फैल चुका है।

इन गांवों की खेती तबाह

किसानों ने बताया कि गुरहन से औराई व कटरा के बीच दर्जनों गांवों में खेती चौपट हो गई है। उपज नहीं होने के कारण अनाज खरीदना पड़ रहा है। कटौंझा से लेकर कटरा सीमा तक बांध के किनारे बसे खासकर जनार, बसंत, मटिहानी, फतहपुर, बेरौना, सरहचिंया, मधुबन प्रताप, करहटी, पटोरी, हंसबारा, अतरार, माधोपुर, महुआरा, बाड़ा बुर्जुग, बारा खुर्द, चैनपुर, महेशबारा, बेनीपुर, जीवाजोर, शंकरपुर, कीरथपुर, भरथुआ, कल्याणपुर, बेशी, उतरी, नया गांव, हरणी टोला, बभनगांवा पूर्वी व पश्चिमी, चउंटा, जोंकी, सुन्दरखोली, बसुआ, कटरा, धनौर, शिवदासपुर, बसंत, बिसौथा, डूमरी गांव के किसानों की खेती की जमीन पर गुरहन उपजा है।  


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