गुंबदनुमा पूजा पंडाल में महिषासुर का संहार करती नजर आएंगीमां दुर्गा Muzaffarpur New
68वें साल पुरानी धर्मशाला चौक पर श्री दुर्गा पूजनोत्सव समिति की ओर से चल रही पूजा की तैयारी। संवाद संग महिषासुर संहार देख रोमांचित होंगे लोग सात मिनट का होगा जीवंत दृश्य।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू होने जा रहा है। लोग अभी से भक्ति के रंग में रंगने लगे हैं। घरों व मंदिरों में पूजा की तैयारी शुरू कर दी गई है। उधर, पूजा समितियां पूजा पंडाल को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। कई समितियां कुछ खास आयोजन करने की तैयारी में हैं। इसी कड़ी में पुरानी धर्मशाला चौक स्थित मां महामाया स्थान संतोषी माता मंदिर में 68वें साल धूमधाम से पूजा होगी। पंडाल के साथ मूर्तियों की भव्यता पर खास जोर दिया जा रहा है। पूजा में कुणाल जायसवाल, चंचल कुमार, संतोष चौधरी, वासु गुप्ता, बबलू रजक आदि लगे हैं।
विद्युत तकनीक पर संवाद के साथ दिखेगा चलंत दृश्य
पूजा समिति के अध्यक्ष नितिन जैन बताते हैं कि इस बार यहां गुंबदनुमा पूजा पंडाल में मां दुर्गा महिषासुर का संहार करती नजर आएंगी। विद्युत तकनीक पर संवाद के साथ चलंत दृश्य लोगों को रोमांचित करेगा। करीब सात मिनट का दृश्य होगा।
पंडाल में बीटिंग, अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक सिस्टम व फूलों का काम होगा। मेन गेट व माता के दरबार की शोभा भी देखते बनेगी। इसके लिए कोलकाता से कारीगर बुलाए गए हैं। भक्तों को सप्तमी से लेकर दशमी तक मां के दर्शन होंगे। नवमी को सैकड़ों कुंवारी कन्याओं का पूजन किया जाएगा।
मां के दरबार में होगी कलात्मक डिजाइन
सचिव सूरज कुमार ने बताया कि मां के दरबार में कलात्मक डिजाइन देखने को मिलेगी। कुल तीन गेट बनाए जा रहे हैं। करीब 28 फीट का एलईडी लाइट से सजा मेन गेट बैंक रोड की ओर, 20 फीट का एक गेट स्टेशन रोड की ओर और 20 फीट का एक गेट मोतीझील की तरफ होगा। छोटी सरैयागंज से इस्लामपुर होते हुए नगर थाना तक बिजली की बत्ती से सजावट होगी। मूर्तिकार मटुक कला निकेतन के मुन्ना के मार्गदर्शन में बंगाल के कलाकारों द्वारा मूर्ति निर्माण किया जा रहा है। विद्युत तकनीक मनोज प्रजापति की होगी।
जगह-जगह होंगे सीसी कैमरे
कोषाध्यक्ष प्रकाश गुप्ता ने बताया कि कोलकाता के कारीगरों द्वारा पंडाल निर्माण का कार्य चल रहा है। पंडाल में जगह-जगह सीसी कैमरे भी होंगे। साथ ही विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त स्वयंसेवक व पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। अग्नि सुरक्षा का भी ख्याल रखा जाएगा। सप्तमी से दशमी तक प्रतिदिन अलग-अलग महाप्रसाद की व्यवस्था रहेगी। सप्तमी के दिन फल व हलुवा और अष्टमी व नवमी को पूरी व मिक्सड महाप्रसाद की व्यवस्था रहेगी।