Darbhanga: गैस सिलेंडर की हर वक्त कराएं जांच, सतर्कता से बड़े हादसों से बचा जा सकता
ग्राहकों एवं गृहणियों के मुताबिक एक्सपायरी तिथि नहीं जानते और नहीं लीकेज की समझ है। गैस कनेक्शन लेते समय सिलेंडर की तिथि पाइप की गुणवत्ता रेग्युलेटर तथा चूल्हा की क्वालिटी पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। कम खर्च के चक्कर में लोग हादसे मोल ले रहे हैं।
दरभंगा, जासं। घरेलू गैस की अवैध रीफिलिंग तो खतरनाक होती ही है, लेकिन लोगों के घरों में इस्तेमाल होने वाला सिलेंडर भी खतरे का कारण बन सकता है। जानकारी के अभाव व लापरवाही के चलते घरों में लगातार हादसे हो रहे हैं। उपकरणों की जांच व जानकारी न होने के कारण ऐसा हो रहा है। ऐसे में समय-समय पर जांच व सतर्कता से बड़े हादसों से काफी हद तक बचा जा सकता है। ग्राहकों एवं गृहणियों के मुताबिक एक्सपायरी तिथि नहीं जानते और नहीं लीकेज की समझ है। गैस कनेक्शन लेते समय सिलेंडर की तिथि, पाइप की गुणवत्ता, रेग्युलेटर तथा चूल्हा की क्वालिटी पर भी ध्यान नहीं दिया जाता। कम खर्च के चक्कर में लोग हादसे मोल ले रहे हैं। विभाग से जुड़े अधिकारी भी सावधानी बरतने की हिदायत देते हैं। बढ़ते संसाधनों के चलते अब गांव के अधिकांश परिवारों में भी रसोई गैस सिलेंडरों का प्रयोग होने लगा है। लगभग 50 फीसद गृहणियों को इसके इस्तेमाल व देखरेख की जानकारी नहीं है। ऐसे में जरा सी चूक बड़े हादसे का सबब बन जाती है।
जिले में संचालित है 52 गैस एजेंसी
जिले में 52 गैस एजेंसी संचालित है। इन गैस एजेंसियों पर एक्सपायरी गैस सिलेंडर संबंधित शिकायतों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। उपभोक्ताओं का कहना है कि गैस एजेंसी के द्वारा जो गैस सिलेंडर दिया जाता है, उसमें एक्सपायरी डेट नहीं लिखे होते हैं। मब्बी गेहूमी स्थित सकिला गैस एजेंसी के व्यवस्थापक सपन ने बताया कि प्रत्येक प्रत्येक गैस सिलेंडर पर एक्सपायरी की तिथि रहती है। दिल्ली मोड स्थित ङ्क्षसह कृष्णा गैस एजेंसी के व्यवस्थापक बिनोद कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि गैस सिलेंडर ङ्क्षलकेज की जांच के बाद ही गोदामों से गैस सिलेंडर वितरण किया जाता है।
कहते हैं अधिकारी
इंडियन ऑयल के डिप्टी जेनरल मैनेजर रंजन राजन ने बताया कि प्रत्येक घरेलू गैस सिलेंडरों पर एक्सपायरी डेट अंकित रहता है। आम उपभोक्ताओं को अगर इसकी शिकायत करनी हो तो टोल-फ्री नंबर 1906 पर कर सकते हैं।