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BRA Bihar University में खेल मद की राशि में 'खेल', शुल्क लेने के बाद भी कॉलेजों में नहीं होतीं गतिविधियां

BRA Bihar University बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कॉलेजों में स्नातक व पीजी नामांकन के समय खेल मद में ली जा रही राशि में खेल हो रहा है। छात्रों की शिकायत के बाद राजभवन ने मांगा विवरण तो देने में हो रही आनाकानी।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 08:02 AM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 08:02 AM (IST)
BRA Bihar University में खेल मद की राशि में 'खेल', शुल्क लेने के बाद भी कॉलेजों में नहीं होतीं गतिविधियां
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय बिल्डिंग की फाइल फोटो।

मुजफ्फरपुर [अंकित कुमार]। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और उससे जुड़े कॉलेजों में स्नातक व पीजी नामांकन के समय खेल मद में ली जा रही राशि में 'खेल' हो रहा है। विद्यार्थियों को न तो खेल की सुविधा दी जा रही और न ही खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। इस राशि को अन्य मदों में खर्च किया जा रहा है। छात्रों की शिकायत के बाद राजभवन ने इसपर संज्ञान लिया है। उसके निर्देश पर विश्वविद्यालय ने सभी 74 कॉलेजों से पिछले 10 वर्षों में ली गई राशि और उसकी उपयोगिता का विवरण मांगा, लेकिन किसी ने पूरी जानकारी नहीं दी।

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नामांकन के समय 80 रुपये लेते कॉलेज प्रबंधन

नामांकन के समय कॉलेज प्रति छात्र 80 रुपये स्पोट्र्स शुल्क लेते हैं। इसमें 25 रुपये विश्वविद्यालय का हिस्सा होता है। इस राशि का उपयोग खेलकूद प्रतियोगिता और किट आदि पर खर्च करना होता है। लेकिन, कॉलेज इसे दूसरे मद में खर्च कर देते हैं। एक सत्र में विश्वविद्यालय के सभी 74 कॉलेजों और पीजी विभागों को मिलाकर करीब 1.25 लाख विद्यार्थी नामांकन लेते हैं। एक सत्र में इस हिसाब से तकरीबन एक करोड़ रुपये खेल मद में लिया जाता है। बीते 10 वर्षों में यह राशि तकरीबन 10 करोड़ होती है। 

सख्ती के बाद अधिकतर कॉलेजों ने प्रस्तुत किया आधा-अधूरा विवरण

अक्टूबर में शिकायत के बाद राजभवन ने विश्वविद्यालय से विवरण मांगा। नहीं देने पर तीन बार रिमाइंडर भेजा गया। इस दौरान 57 कॉलेजों ने जानकारी भेजी, लेकिन आधी-अधूरी। 17 ने तो भेजा ही नहीं। पिछली डेडलाइन आठ मार्च के बाद भी विवरण नहीं देने पर राजभवन ने ऐसे कॉलेजों को चिह्नित करने का निर्देश दिया। 15 मार्च को पटना में हुई बैठक में राजभवन ने नाराजगी जताते 17 मार्च तक रिपोर्ट भेजने को कहा था। स्थिति यह है कि आज भी कई कॉलेजों ने रिपोर्ट नहीं दी है। विश्वविद्यालय अब ऐसे कॉलेजों की रिपोर्ट राजभवन भेजने की तैयारी कर रहा है। 

आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ. ममता रानी का कहना है कि खेल मद में जो राशि ली जाती है, उससे स्पोट्र्स मीट का आयोजन होता है। छात्राओं के लिए जर्सी और किट की खरीदारी भी होती है। एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओपी राय का कहना है कि नियमित खेल की गतिविधियां होती हैं। कोरोना के कारण पिछले वर्ष नहीं हो सकी थीं। 

 बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. अभय कुमार सिंह का कहना है कि जिन कॉलेजों ने रिपोर्ट नहीं दी है, उनकी सूची राजभवन को भेजी जा रही है। निर्देशानुसार कार्रवाई होगी।


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