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न होता 'आयुष्मान' तो छूट जाता अपनों का साथ, कैंसर का भी निशुल्क इलाज, मुजफ्फरपुर में एक अनोखा उदाहरण

Muzaffarpur News आयुष्मान योजना के सहारे अपना और स्वजन का निशुल्क इलाज करा रहे लोग। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का अच्‍छे अस्पतालों में निशुल्क हो रहा इलाज। भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में भी इलाज करा रहे लोग।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 07:45 AM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 01:38 PM (IST)
न होता 'आयुष्मान' तो छूट जाता अपनों का साथ, कैंसर का भी निशुल्क इलाज, मुजफ्फरपुर में एक अनोखा उदाहरण
आयुष्मान योजना के तहत कैंसर मरीजों का फ्री इलाज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मुजफ्फरपुर {अमरेंद्र तिवारी}। माड़ीपुर के अली अकबर की मां को कैंसर था। गरीबी के कारण उनका ठीक से इलाज नहीं करा पा रहे थे। आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनने के बाद उनकी मां का होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर में इलाज चल रहा है। ऐसे सैकड़ों गरीब हैं, जिन्हें योजना के चलते जीवन मिला। कर्ज नहीं लेना पड़ा। जमीन व गहना बिकने से बचा।

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रिश्तेदारों से लेना पड़ा था कर्ज 

अली अकबर बताते हैं कि एक साल पहले मां को इलाज के लिए कोलकाता पहुंचे थे। रिश्तेदारों से कर्ज लेकर जुटाए 60 हजार रुपये वहां खर्च हो गए थे। आगे के इलाज के लिए चिंता सताने लगी। वहीं आयुष्मान मित्र से योजना के बारे में जानकारी मिली। यहां लौटने के बाद कार्ड बनवा लिया।

योजना के चलते पत्नी को बचाना हुआ संभव 

सुपौल के चंदेश्वरी पासवान डेढ़ साल पहले उस समय सकते में आ गए थे, जब पता चला कि उनकी पत्नी बे्रस्ट कैंसर से पीडि़त हैं। डाक्टर ने लाखों का खर्च बताया। मुंबई और दिल्ली जाने की सलाह दी गई। उतने गहने और जमीन भी नहीं थी, जिसे बेचकर इलाज कराता। आयुष्मान योजना की जानकारी मिली तो गोल्डन कार्ड बनवाया। तीन महीने से होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर में इलाज करा रहे हैं। बहुत सुधार है। उनका कहना है कि कार्ड नहीं रहता तो पत्नी को बचाना संभव नहीं था।

दैनिक मजदूरी कर परिवार चलाने वाले सकरा निवासी चंद्रभूषण की कहानी भी ऐसी ही है। आयुष्मान योजना से उनका पथरी का इलाज हो सका। आपरेशन पर 40 से 50 हजार रुपये होने वाला खर्च बच गया। आयुष्मान कार्ड के सहारे अपना और स्वजन का निशुल्क इलाज करा रहे ये लोग योजना को गरीबों के लिए वरदान मान रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें उस दौर में योजना का लाभ मिला, जब पैसे के अभाव में बेहतर इलाज के सभी दरवाजे बंद हो चुके थे।

कार्ड बनाने का तेजी से चल रहा काम 

आयुष्मान योजना के जिला समन्वय विद्यासागर बताते हैं कि आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जिले में पांच लाख 20 हजार 794 परिवारों के 24 लाख 91 हजार 879 लोगों को योजना में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें एक लाख 51 हजार 580 परिवार का कार्ड बन चुका है। इससे तीन लाख 39 हजार 951 लोगों को लाभ मिल सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सौजन्य से पात्रों को पांच लाख तक के निशुल्क इलाज की सुविधा मिल रही है।


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