25 मई से होगी लीची की फ्री होम डिलीवरी, ऐसे कर सकेंगे ऑन लाइन आर्डर... Muzaffarpur News
25 मई से लीची की फ्री होम डिलीवरी होगी। इसकी तैयारी पूरी हो गई है। इसके बाद 1 जून से जरदालु आम की भी होम डिलीवरी की तैयारी है। 24 घंटे के भीतर पहुंचाई जाएगी आपके घरों तक
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अब लीची की होम डिलीवरी शुरू हो जाएगी। वेबसाइट पर आर्डर करने के 24 घंटे के भीतर आपके घरों तक लीची पहुंचाई जाएगी। होम डिलीवरी के बाद उपभोक्ता डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे। हालांकि, उपभोक्ता को कम से कम 2 किलो लीची का ऑर्डर देना होगा। यह व्यवस्था मुजफ्फरपुर के अलावा पटना और भागलपुर के शहरी क्षेत्र में ही होगी। 25 मई से इसकी शुरुआत होगी। लॉक डाउन के चलते लीची की बिक्री को लेकर राज्य बागवानी मिशन पटना ने डाकघर के साथ करार किया है।
फार्मर प्रोड्यूसर नामक कंपनी डाक विभाग के माध्यम से ऑनलाइन व्यवस्था के तहत लीची की होम डिलीवरी करेगी। सहायक उद्यान निदेशक अरुण कुमार ने बताया कि लीची को बाजार उपलब्ध कराने के लिए प्रशासनिक पहल जारी है। 25 मई के बाद लीची की वृहद पैमाने पर तुड़ाई शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन ऑर्डर लिए जाने लगेंगे। बताया कि इसकी अन्य प्रदेशों में भेजने की तैयारी पूरी कर ली है। किसान और कारोबारियों को वाहनों का परमिट जारी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा मकसद उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराना है। इसके बाद 1 जून से जरदालु आम की भी होम डिलीवरी की तैयारी है। उपभोक्ता को http://horticulture.bihar.gov.in/ पर लॉग इन कर आर्डर देना होगा।
120 रुपये प्रति 100 की दर से बिक रही लीची
जिले के बाजार में लीची की दस्तक हो चुकी है। 2 दिनों के भीतर बाजार में लीची की बिक्री का दायरा बढ़ा है। वैसे इस बार शुरुआत में ही लीची की कीमत काफी बढ़ी हुई है। पिछले साल 80 से 100 रुपये सैकड़ा से लीची की शुरुआत हुई थी। इस बार शुरुआती कीमत 120 रुपये है। शहर के इमलीचट्टी, बैरिया, स्टेशन रोड, सरैयागंज, कलमबाग, मोतीझील व पानी टंकी आदि इलाकों में गुरुवार को लीची के दुकान और ठेले सजे रहे। ग्राहक खरीदारी करते दिखे।
होम डिलीवरी का नहीं लिया जाएगा अलग से कोई चार्ज
कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय द्वारा बागों में ताजा एवं प्राकृतिक रूप से पके जरदालु आम एवं शाही लीची की होम डिलीवरी की जाएगी। इसके लिए अलग से कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि कोरोना के चलते बदले हुए हालात में किसानों ने एवं उपभोक्ता के हित में यह फैसला लिया गया है। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत 3 शहरों में शुरू किया जा रहा है। प्रयोग सफल रहा तो अगले मौसम से सभी जिलों में शुरू होगा। दोनों फलों को जीआई टैग प्राप्त है।