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Remedesvir: मुजफ्फरपुर में उठाव के दौरान फर्जीवाड़ा, वितरण पर बढ़ी सख्ती

Remedesvir छह के बदले सात वायल की मांग करने आई महिला छानबीन के बाद असलियत स्वीकारी। वितरण में अब सख्ती अस्पताल देगी मरीजों की मौत का ब्योरा अतिरिक्त खुराक कराई जाएगी वापस। जिससे इलाजरत को इसका फायदा मिल सके।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 01:35 PM (IST)
Remedesvir: मुजफ्फरपुर में उठाव के दौरान फर्जीवाड़ा, वितरण पर बढ़ी सख्ती
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सिविल सर्जन ने और सख्ती करने के दिए निर्देश। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। रेमडेसिविर के उठाव में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने पर सख्ती बढ़ा दी गई है। सदर अस्पताल परिसर से 215 वायल रेमडेसिविर का वितरण आधार कार्ड व चिकित्सक पर्ची के आधार पर किया गया। इस बीच एक महिला अपने स्वजन के लिए दो खुराक की मांग की। उसने बताया कि पहले उसको चार खुराक मिल चुकी है। जब उसके लिए दो वायल दवा का आवंटन हुआ इस बीच वह लाइन में खड़े एक व्यक्ति से बातचीत करने के क्रम में बोली कि इधर दो दिन से जब दवा नहीं आई तो उसने एक वायल बाजार से अधिक कीमत देकर खरीद ली। दवा वितरण कर रहे केंद्र के प्रभारी शशि रंजन ने तुरंत उस महिला को लाइन से बाहर करते हुए छानबीन शुरू की। उसने तुरंत संबंधित अस्पताल से बातचीत की। वहां से जानकारी मिली कि उस मरीज को पांच खुराक रेमडेसिविर दवा लग गई है। तुरंत उसको एक खुराक दी गई। महिला वहां से चली गई। इस बीच वहां पर दवा लेने आए एक आदमी के बारे में जानकारी मिली की उसका मरीज स्वस्थ होकर आज ही गया लेकिन वह भी उसके लिए चार वायल दवा लेने आ गया था। लेेकिन जब महिला की छानबीन होने लगी तो वह वहां से खिसक ली। दवा लेने आए मुकेश कुमार ने बताया कि उसके बगल में एक आदमी खड़ा था उसने बताया कि उसका मरीज स्वस्थ हो गया, लेकिन अगर चार वायल दवा उसके नाम पर मिल जाती तो उसको दूसरे मरीज से बेच देता। इससे अस्पताल का खर्च का भारपाई होती।

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बोले सिविल सर्जन, अस्पताल से लेंगे हिसाब

सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने बताया कि रेमडेसिविर के बाद यह शिकायत मिल रही है कि बहुत ऐसे मरीज हैं जिनको सरकारी गोदाम से छह खुराक मिली। उसका मरीज दो या तीन खुराक लिया और उसकी मौत हो गई। वह वायल वापस नहीं करके दूसरे जरूरतमंद से बेच रहे हैं। इसके बाद अब सख्ती बढ़ा दी गई। कोरोना मरीज का इलाज करने वाले निजी अस्पताल प्रतिदिन शाम चार बजे तक सेंट्रल गोदाम को यह जानकारी देंगे उनके यहां कितनी रेमडेसिविर की खपत है, मरीज की मौत के बाद कितनी दवा बची है। जो दवा बची उसको लौटा दे ताकि उसको दूसरे मरीज को देकर उसकी जान बचाई जा सके।  


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